💰सावन का आखिरी अवसर: शुक्रवार को 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र जाप की शक्ति महसूस करें!
सनातन धर्म में माता लक्ष्मी को समृद्धि और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी माना गया है और शुक्रवार का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। जब यह सावन का आखिरी शुक्रवार हो तो इस दिन की गई पूजा कई मायनों में अहम और बेहद फलदायी हो जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक माता लक्ष्मी की उपासना करने से भक्तों को धन, समृद्धि और पुराने कर्जों से राहत का आशीर्वाद मिलता है।
💰 यदि यह पूजा शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में की जाए तो इसका प्रभाव कई गुना फलदायी माना जाता है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और इसकी पवित्रता का प्रमाण यह है कि स्वयं सूर्यदेव साल में तीन बार यहां मां महालक्ष्मी को प्रणाम करने आते हैं। शास्त्रों के अनुसार, शुक्रवार के दिन इस मंदिर में पूजा करने वाले भक्तों को जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र का जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और हवन बेहद प्रभावी और शुभ माना गया है।
💰 मान्यता है कि सावन-शुक्रवार को महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से अपार धन की प्राप्ति हो सकती है और भक्तों को देवी लक्ष्मी द्वारा सभी आर्थिक बाधाओं से राहत और सुरक्षा के द्वार खुलते हैं। देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक 'वैभव लक्ष्मी' को सुख-समृद्धि और वैभव प्रदान करने वाली देवी माना गया है। मान्यता यह भी है कि यदि मां लक्ष्मी के इस स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना और हवन किया जाए तो गरीबी भक्तों के घर का रास्ता भूल जाती है और वैभव का आगमन शुरू हो जाता है। इसीलिए, शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में 11 हजार महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा और धन समृद्धि हवन का आयोजन हो रहा है, जो इस सावन का आखिरी और दुर्लभ अवसर है।
श्री मंदिर के माध्यम से सावन के आखिरी शुक्रवार को इस पावन अनुष्ठान में भाग लें, देवी लक्ष्मी से जीवन में धन, आनंद, कर्जों से राहत और चौतरफा उन्नति का आशीर्वाद पाएं।