यह पूजा उन भावी माता-पिता के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है जो जीवन में संतान सुख की कामना रखते हैं। इसमें की गई श्रद्धा और प्रार्थना न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि हनुमान जी की कृपा से घर में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। यह अनुष्ठान भावनात्मक स्थिरता, धैर्य और विश्वास को मजबूत करता है जो माता-पिता बनने की यात्रा में अत्यंत आवश्यक हैं।
कुछ इच्छाएँ इतनी कोमल होती हैं कि उन्हें ज़ोर से नहीं कहा जा सकता। वे दिल में चुपचाप पलती हैं प्यार, धैर्य और उम्मीद के साथ। एक बच्चे का स्वागत करने की इच्छा भी ऐसी ही एक भावना होती है। भारतीय परंपरा में, ऐसी गहरी इच्छाओं को माँग की तरह नहीं, बल्कि प्रार्थना की तरह भगवान के चरणों में रखा जाता है विनम्रता और विश्वास के साथ।
पुराणों में हनुमान जी को संकट मोचक के साथ बाल कल्याण और भावी संतानों के संरक्षण का दिव्य संरक्षक भी माना जाता है। उनकी कृपा से घर में सुख-समृद्धि, सुरक्षा और संतानों के लिए शुभ मार्ग प्रशस्त होता है। जो दंपत्ति भावी माता-पिता बनने की इच्छा रखते हैं, वे भक्ति और श्रद्धा से हनुमान जी का ध्यान करें तो मानसिक शांति, साहस, सकारात्मक ऊर्जा और संतान-सुख के योग मजबूत होते हैं। बालकों के लिए हनुमान जी का आशीर्वाद रक्षा-कवच बनकर उनके शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को संवार सकता है। उनकी कृपा से परिवार में प्रेम, सौहार्द और उज्ज्वल भविष्य का प्रकाश फैलता है।
उज्जैन के श्री मायापति हनुमान मंदिर में किया जाने वाला संतान सुख अनुष्ठान उन दंपत्तियों के लिए अत्यंत पवित्र और फलदायी माना जाता है, जो माता-पिता बनने की मनोकामना रखते हैं। यहां भक्त हनुमान जी के बाल स्वरूप का विशेष रूप से पूजन करते हैं, जिससे घर में सुख, सुरक्षा और संतान-सौभाग्य के मार्ग खुल सकते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस अनुष्ठान से बाधाएं दूर होती हैं, मनोबल बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मंत्रोच्चार, प्रसाद और विशेष आशीर्वाद के माध्यम से भक्त अपने जीवन में नई आशा और दिव्य कृपा का अनुभव करते हैं।
यह आशीर्वाद पाने की चाहत में आप अकेले नहीं हैं। कुछ प्रार्थनाएं सालों तक मन के किसी कोने में दबी रहती हैं। यह पूजा उस प्रार्थना को विश्वास और भक्ति के साथ आशीर्वाद रूप में फलीभूत करने की एक प्रक्रिया है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और विश्वास, प्रेम और समर्पण के साथ अपनी प्रार्थना करते हुए हनुमान जी की दिव्य ऊर्जा का आशीर्वाद प्राप्त करें।