🙏4 प्रहर में भक्ति की शक्ति का अनुभव करें - सबसे शक्तिशाली एकादशी पर साल में एक बार होने वाली त्रिदेव महापूजा
निर्जला एकादशी को सभी 24 एकादशियों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह दिन गहरे समर्पण, सख्त उपवास और बड़ा आध्यात्मिक फल पाने का होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दिन का व्रत पूरी श्रद्धा से रखा जाए तो साल भर की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य मिलता है। इस पवित्र दिन को मनाने के लिए, श्री मंदिर त्रिदेव भक्ति महापूजा का आयोजन कर रहा है, जिसमें भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और श्याम बाबा की विशेष पूजा की जाती है। यह पूजा सिर्फ एक साधारण पूजा नहीं, बल्कि तीनों देवताओं की भक्ति का खास सफर है:
🔹 पालनहार विष्णु हमारे घर और जीवन में सुरक्षा, शांति और व्यवस्था लाते हैं।
🔹 दिव्य रणनीतिकार कृष्ण हमारे मन के भ्रम को दूर करते हैं और मुश्किल समय में हिम्मत देते हैं।
🔹 कलियुग के देवता श्याम बाबा प्रार्थनाओं का जल्दी जवाब देते हैं और कठिनाइयों में साथ देते हैं।
महापूजा चार समयों में होती है, जो दिन के खास आध्यात्मिक पहर होते हैं:
🔹 भोर (ब्रहम मुहूर्त) – विष्णु मंदिर में विष्णु का अभिषेक और सहस्रनाम जाप
🔹 दिन (दोपहर) – श्री राधा दामोदर मंदिर में कृष्ण की मंगल आरती और लीला पाठ
🔹 शाम – श्री खाटू श्याम मंदिर में श्याम बाबा के भजन और तिलक सेवा
🔹 रात (निशित काल) – सामूहिक दीपदान और हवन
यह पूजा विश्वास और भक्ति का मार्ग है, खासकर उन लोगों के लिए जो आध्यात्मिक रूप से कमजोर, भावनात्मक रूप से थके हुए या जीवन की मुश्किलों से परेशान हैं। चाहे आप अपने परिवार की सुरक्षा चाहते हों, अपने काम में साफ़ निर्णय लेना चाहते हों, या दिल की शांति चाहते हों, यह 4-प्रहर पूजा आपको ईश्वर के करीब ले जाती है। कदम दर कदम, रूप दर रूप, प्रार्थना दर प्रार्थना। इस निर्जला एकादशी पर अपनी भक्ति को भोर से लेकर रात तक जारी रखें। विष्णु आपकी रक्षा करें, कृष्ण आपको उठाएं और श्याम बाबा आपके साथ रहें। क्योंकि जब सब कुछ मुश्किल लगे, तब भक्ति सबसे बड़ा सहारा होती है।