🔱 सावन की इस कालाष्टमी पर शिव–शक्ति के रक्षक स्वरूपों का आह्वान करें और जीवन में पाएँ अदृश्य संकटों से राहत का दिव्य आशीर्वाद🔱
सावन का महीना शिवभक्तों के लिए केवल एक धार्मिक समय नहीं होता, बल्कि यह मन और आत्मा को छू जाने वाला एक पावन और शुभ काल माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव अपने भक्तों के बहुत करीब होते हैं। उनकी उपासना से आंतरिक शांति मिलती है और जीवन की बड़ी बाधाएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। इसी सावन के महीने में आने वाली कालाष्टमी की तिथि को और भी विशेष माना गया है। कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है, लेकिन जब यह तिथि सावन में पड़ती है, तब इसका महत्व और असर कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव, उनके रुद्रावतार हनुमान जी, तथा शक्ति की उग्र स्वरूपा माँ काली की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान काल भैरव, समय और संकट से रक्षा करने वाले देवता हैं। वे जीवन की उन परेशानियों से बचाते हैं जो हमें साफ नज़र नहीं आतीं। दूसरी ओर हनुमान जी, शिव के अंशावतार माने जाते हैं। वे अपने बल, भक्ति और विवेक से शत्रुओं पर विजय पाने और मन की परेशानियों को दूर करने में सहायता करते हैं। वहीं माँ काली को नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी माना गया है। वे तांत्रिक प्रभाव, डर और मानसिक बेचैनी को दूर करती हैं और साथ ही आत्मबल और साहस भी देती हैं। इन तीनों देवताओं की एक साथ पूजा करने से एक दिव्य सुरक्षा कवच प्राप्त होता है, जो जीवन की अदृश्य बाधाओं, शत्रुओं की चालों और मानसिक तनाव से रक्षा करता है। यह पूजा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी मानी जाती है जो बार-बार जीवन में आने वाली रुकावटों, डर, नकारात्मकता और अनजाने शत्रुओं की चालों से परेशान हैं।
इन्हीं दिव्य शक्तियों की कृपा पाने के लिए, श्री मंदिर द्वारा सावन मास की कालाष्टमी पर, शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में एक विशेष सुरक्षा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आप भी इस महायज्ञ में शामिल होकर शिव–शक्ति से रक्षा, शांति और विजय का आशीर्वाद पा सकते हैं।