🔱 श्री हनुमानगढ़ी मंदिर एवं राहु पैठाणी मंदिर में आयोजित हनुमान–राहु ग्रह शांति विशेष पूजा में भाग लें और
🙏 बजरंगबली के दिव्य आह्वान से राहु के नकारात्मक प्रभावों को शांत करें। ✨🙏
वैदिक मान्यताओं के अनुसार, राहु को एक छाया ग्रह माना गया है, जो विशेष रूप से आर्द्रा नक्षत्र में सक्रिय होने पर व्यक्ति के मन और विचारों में अस्थिरता, भ्रम, अनजाना भय और मानसिक उथल-पुथल का कारण बनता है। आर्द्रा नक्षत्र अपने परिवर्तनशील, तीव्र और संवेदनशील स्वभाव के लिए जाना जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी राहु माने जाते हैं। जब मंगलवार, जोकि हनुमान जी को समर्पित दिन है, को राहु शासित आर्द्रा नक्षत्र का संयोग बनता है, तब यह राहु के प्रभाव को शांत करने के लिए अत्यंत उपयुक्त काल माना जाता है।
ऐसे समय में हनुमान जी की आराधना को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की भक्ति से राहु की नकारात्मक एवं छलपूर्ण ऊर्जा शांत होती है, जिससे साधक के जीवन में मानसिक स्पष्टता, आत्मबल, संतुलन और भयमुक्ति की अनुभूति होती है। हनुमान जी को कलियुग के रक्षक, संकटमोचक और ग्रहदोष निवारक देवता के रूप में पूजा जाता है। उनका मंत्रजाप राहु के प्रभाव से उत्पन्न भ्रम, व्याकुलता और निर्णयहीनता का शमन करने में सहायक होता है।
इसी दुर्लभ योग को ध्यान में रखते हुए श्री मंदिर के माध्यम से हनुमान–राहु ग्रह शांति विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें –
🔸 11,000 हनुमान मूल मंत्र जाप – अयोध्या स्थित श्री हनुमानगढ़ी मंदिर में
🔸 18,000 राहु मूल मंत्र जाप – राहु पैठाणी मंदिर में
यह विशेष अनुष्ठान उन साधकों के लिए अत्यंत उपयोगी है जो राहु के प्रभाव में उत्पन्न मानसिक तनाव, अस्थिरता, भ्रम या नकारात्मक ऊर्जा का सामना कर रहे हैं। हनुमान मंत्रजाप आत्मबल और मनोबल प्रदान करता है, जबकि राहु मंत्रजाप राहु की तीव्र और अशांत ऊर्जा को संतुलित करने का कार्य करता है। यदि आप भी राहु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति चाहते हैं और अपने जीवन में स्पष्टता, स्थिरता और अडिग शक्ति की अनुभूति करना चाहते हैं, तो श्री मंदिर के इस दिव्य महाअनुष्ठान में सहभागी बनें और अनुभव करें मानसिक दृढ़ता और आध्यात्मिक संरक्षण।