कभी-कभी, चाहे हम कितनी भी मेहनत करें या त्याग करें, हमारे जीवन में अधूरापन बना रहता है। आप सफलता तो प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन घर या रिश्तों में संतोष और स्थिरता का अनुभव अधूरा लगता है। इसका कारण यह है कि सांसारिक सफलता अस्थायी होती है। सच्ची, पूर्ण खुशी केवल सृष्टि के दिव्य स्रोत से प्राप्त होती है। इसी कारण हम दिव्य महिला ऊर्जा की ओर मुड़ते हैं। महाविद्या मां त्रिपुरा सुन्दरी षोडशी पूर्णता, सुंदरता और सभी सोलह इच्छाओं की पूर्ति का प्रतीक हैं। वह गहरी स्थिरता, सच्चा प्रेम और समृद्धि देने वाली देवी हैं।
श्री विद्या परंपरा के अनुसार मां षोडशी, जिन्हें मां ललिता भी कहा जाता है वह पूरे ब्रह्मांड की महारानी हैं। वह सृष्टि की शक्ति हैं और सभी सुंदरता, धन और सौहार्द का स्रोत हैं। उनका दिव्य रूप केवल मूर्ति में नहीं बल्कि श्री चक्र में होता है। श्री चक्र को ब्रह्मांड और देवी का प्रतीक माना जाता है। इसका पूजन देवी परंपरा में सर्वोच्च भक्ति माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शुद्ध भक्ति से श्री चक्र को देखकर भी समृद्धि मिलती है और पारिवारिक परेशानियाँ कम होती हैं।
प्रयागराज के ललिता माता शक्तिपीठ में विशेष पूजा
इस शुक्रवार चतुर्थी पर ललिता माता शक्तिपीठ में षोडशी महाविद्या पूजा आयोजित की जाएगी। श्री चक्र पूजा करने का अर्थ है कि ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति को अपने जीवन में आमंत्रित करना। इसके बाद 10,000 मंत्र जाप श्री चक्र की शक्ति को सक्रिय करता है। इससे परिवार में शांति बनी रहती है और घर में सौहार्द और स्थिरता आती है। इस अनुष्ठान के माध्यम से मां षोडशी आपके हृदय और घर में सुख की पूर्ण व्यवस्था करती हैं।
यह विशेष पूजा श्री मंदिर के माध्यम से आपके जीवन में समृद्धि, सौहार्द और शांति के लिए दिव्य आशीर्वाद लाती है।