🌿 क्या आप अपने पितरों की आत्मा को शांति देना चाहते हैं और पितृ शापों से राहत पाना चाहते हैं?
गोकर्ण तीर्थ में पितृ पक्ष के दौरान विशेष नारायण बलि और त्रिपिंडी श्राद्ध पितृ दोष शांति पूजा में भाग लें और पूरी श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों का सम्मान करें।
पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध भी कहा जाता है, सनातन धर्म का एक अत्यंत पवित्र समय है, जो हमारे पितरों को याद करने और उन्हें संतुष्ट करने के लिए समर्पित है। यह 15 दिनों का आध्यात्मिक काल माना गया है, जब दिवंगत आत्माएं पितृ लोक से पृथ्वी पर आती हैं और श्रद्धा से किए गए अनुष्ठानों से प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देती हैं। पितृ पक्ष की प्रतिपदा का विशेष महत्व है, जो इसे पितृ अनुष्ठान के लिए शुभ समय बनाती है।
गोकर्ण तीर्थ, जिसे दक्षिण का काशी कहा गया है, कर्नाटक में स्थित एक अत्यंत पवित्र स्थान है, जहाँ इन अनुष्ठानों को करना बहुत प्रभावशाली माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यहां पितृ शांति अनुष्ठान करने से अपार आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हो सकती है और यहां के सभी अर्पणों का फल कई गुना माना जाता है। जो लोग पितृ दोष से परेशान हैं, जैसे कि नौकरी में रुकावटें, परिवार में विवाद, बच्चों की शिक्षा में विलंब, स्वास्थ्य समस्याएँ, या आर्थिक अस्थिरता, वे इन शक्तिशाली अनुष्ठानों से राहत प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में संतुलन की नई दिशा पा सकते हैं।
गोकर्ण तीर्थ में नारायण बलि पूजा और त्रिपिंडी श्राद्ध पितृ दोष शांति पूजा का विशेष महत्व है:
नारायण बलि पूजा: यह पूजा उन पितरों की आत्माओं को शांति देने के लिए की जाती है, जो अधूरी इच्छाओं या कर्मों के कारण अशांत होते हैं।
त्रिपिंडी श्राद्ध: यह उन पितरों के लिए किया जाता है, जिनका श्राद्ध कभी नहीं किया गया या विलंब से किया गया।
पितृ दोष शांति पूजा: यह पूजा पितृ शापों से मुक्ति, विवाह में अड़चनों, वित्तीय संघर्षों, स्वास्थ्य समस्याओं और परिवारिक विवादों से राहत के लिए की जाती है।
🕉️ गोकर्ण तीर्थ में पितृ पक्ष के दौरान इन पवित्र अनुष्ठानों को करना पितरों की आत्मा को शांति दे सकता है, पितृ ऋण से राहत दिलाता है और परिवार में शांति, समृद्धि और उन्नति का आशीष लाता है।
यह एक दुर्लभ और शक्तिशाली अवसर है अपने पूर्वजों का सम्मान करने और पितृ दोषों को समाप्त करने का। श्री मंदिर के साथ इस पितृ पक्ष नारायण बलि विशेष पूजा में भाग लें और जीवन में शांति, सुरक्षा और प्रगति के द्वार खोलें।