क्या आप अंदर से बेचैनी और उलझन महसूस करते हैं?
कभी ऑफिस में बॉस का प्रेशर, तो कभी घर के काम, परिवार की जिम्मेदारियाँ, बच्चों की पढ़ाई और खर्चों का बोझ | ना चाहते हुए भी, मन को भारी कर देते हैं।
थके हुए हैं? पर यह नहीं समझ पाते कि क्यों?
आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी और बढ़ती जिम्मेदारियाँ हमारे मन पर अदृश्य बोझ डाल देती हैं। हम बाहर से मुस्कुराते हैं, पर अंदर ही अंदर परेशान रहते हैं। कई बार तो लगता है कि जैसे हर तरफ से दबाव है, पर कोई साफ वजह पकड़ में नहीं आती।
ऐसे समय में, जब कोई हल नहीं मिलता, दिल चाहता है कि कहीं सुकून मिले… और यही वजह है कि हम मंदिर की ओर खिंच जाते हैं। वहां की घंटियों की आवाज़, अगरबत्ती की पवित्र खुशबू और भगवान के सामने बैठने का सुकून मन को गहरी शांति दे देता है।
मान्यता के अनुसार, मानसिक बोझ और भावनात्मक थकान से राहत का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसलिए श्री मंदिर द्वारा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में मन की शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
मन की शांति पूजा के लाभ क्या हैं? 🧘♂️
इस पूजा में मंत्र, ध्यान और शिव-अभिषेक के माध्यम से मन की हलचल को कम करने का प्रयास किया जाता है। जब यह अनुभव हो कि विचारों की गति थमती नहीं, और प्रयासों के बावजूद भी आंतरिक अशांति बनी रहती है, तब यह पूजा एक ऐसा माध्यम हो सकती है जहाँ श्रद्धा और मौन के सहारे भीतर कुछ स्थिर हो सके। यह पूजा कोई वादा नहीं करती, पर यह एक निमंत्रण है जहाँ आप अपने प्रयासों को विराम देकर, ईश्वर के चरणों में विश्राम कर सकें।
इस पूजा का उद्देश्य मन की उस हलचल को शांत करना है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। यह पूजा कोई समाधान नहीं, एक साधना है स्वयं को फिर से महसूस करने की।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और अपने जीवन में शांति, स्पष्टता और मानसिक संतुलन की दिशा में पहला कदम बढ़ाएँ।