🔥 सावन का आखिरी दिन: हरिद्वार में अखंड रुद्र यज्ञ से शिव जी की कृपा पाने का अंतिम अवसर
सावन का आखिरी दिन यानी पूर्णिमा हिंदू धर्म में बड़ा आध्यात्मिक महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से शक्तिशाली होती है, क्योंकि सावन का पूरा महीना उन्हें प्रिय माना गया है। इस अवसर पर 24 घंटे का अखंड शिव रुद्र यज्ञ करने से उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि लगातार रुद्र जप और अग्नि आहुति से उत्पन्न शक्तिशाली ऊर्जा आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है और भक्तों के शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण का माध्यम बनती है।
हरिद्वार के पशुपति महादेव मंदिर में, बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस विशेष यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, भगवान शिव जीवन के रक्षक और रोग-नकारात्मकता के नाशक भी हैं। इस अखंड यज्ञ में भाग लेने से न केवल शिव के साथ भक्त का संबंध मजबूत होता है, बल्कि आंतरिक उपचार, दीर्घायु और असामयिक बीमारियों से सुरक्षा भी मिलनी शुरू हो जाती है। सावन के समापन पर यह अनुष्ठान भक्ति, श्रद्धा और समर्पण के एहसास के साथ भक्तों को जीवन की नई दिशा देने की शक्ति रखता है।
24 घंटे चलने वाले इस अखंड रुद्र यज्ञ में रुद्री पाठ का निरंतर पाठ, हवन और "ॐ नमः शिवाय" का ध्यानपूर्ण जाप शामिल है - ये सभी वैदिक विद्वानों द्वारा शैव शास्त्रों के अनुसार सख्ती से किए जाते हैं। यह दिव्य ऊर्जा अनुष्ठान शिव की उपचारात्मक उपस्थिति का आह्वान करने, अदृश्य बाधाओं से राहत दिलाने और जीवनशक्ति को नई दिशा देने के लिए जाना जाता है। यदि आप बार-बार बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, अदृश्य बाधाओं ने संघर्ष को कई गुना बढ़ा दिया है तो यह अनुष्ठान सावन के साथ-साथ आपकी दुख-तकलीफों का भी समापन बन सकता है।
श्री मंदिर के माध्यम से पशुपति महादेव मंदिर में होने वाले इन दिव्य अनुष्ठानों का हिस्सा बनें और परिवार के लिए अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीष पाएं।