इस अमावस्या 🌑 शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर 🕉️ और श्री नवग्रह शनि मंदिर 🪐 में होने जा रहा है 3 दिव्य देवी-देवताओं को समर्पित खास अनुष्ठान 🙏✨
जोकि बन सकता है भक्तो की हर परेशानी से राहत का समाधान 🌺🕊️
कभी-कभी जीवन में ऐसे समय आते हैं जब शत्रुओं की साजिशें, बुरी नजर का प्रभाव और कानूनी या सामाजिक अन्याय का दबाव महसूस होने लगता है। यह न केवल मानसिक शांति छीन लेता है, बल्कि आत्मविश्वास को भी कमजोर कर देता है। नकारात्मक ऊर्जा और भय का असर कार्यों में रुकावट और संबंधों में तनाव भी ला सकता है। ऐसे समय में मन एक ऐसे आध्यात्मिक सहारे की तलाश करता है जो अंदर से मजबूती दे और अनचाहे प्रभावों से बचाने का भाव पैदा करे।
जानें इस बार आने वाली अमावस्या क्यों है इतनी खास
इस बार आने वाली भाद्रपद कृष्ण अमावस्या को विशेष माना जा रहा है क्योंकि यह शनिवार को पड़ रही है और इसे अंतिम शनि अमावस्या भी माना जा रहा है। परंपरागत मान्यता है कि शनि अमावस्या का दिन नकारात्मक प्रभावों को कम करने और आत्मशुद्धि के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दिन की ऊर्जा, विशेष देवताओं की आराधना के साथ, मानसिक बल और स्थिरता का भाव जगाने में सहायक मानी जाती है।
तीन दिव्य शक्तियों का संगम
ऐसा माना जाता है कि इस दिन माँ बगलामुखी, काल भैरव और शनि देव की संयुक्त आराधना विशेष महत्व रखती है।
माँ बगलामुखी- शत्रुओं की अनुचित योजनाओं और नकारात्मक प्रभावों को रोकने में पूजनीय
काल भैरव-भय को घटाने और साहस जगाने में सहायक
शनि देव-न्याय और संतुलन के प्रतीक, जो सही मार्ग पर दृढ़ रहने की प्रेरणा देते हैं।
इन्हीं तीनों दिव्य शक्तियों की कृपा प्राप्ति और आह्वान के लिए श्री मन्दिर द्वारा शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में माँ बगलामुखी, काल भैरव सुरक्षा महापूजा और श्री नवग्रह शनि मंदिर में शनि तिल तेल अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में मंत्र जाप, हवन और शनि देव के लिए पारंपरिक तिल तेल अभिषेक किया जाएगा। माना जाता है कि ऐसे पवित्र स्थानों और शुभ संयोगों में की गई आराधना से मन को बल, सुरक्षा का भाव और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो सकता है।
📿आप भी श्री मन्दिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में सम्मिलित होकर इस पावन अवसर का लाभ ले सकते हैं।