🕉️ अमावस्या के पावन अवसर पर बनखड़ी स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में करें माँ की दिव्य शक्तियों का शुभ अह्वान 🙏✨
हिमाचल प्रदेश के केंद्र में स्थित बनखंडी गाँव में माँ बगलामुखी का एक प्राचीन और भव्य मंदिर है। यह मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन आध्यात्मिक शक्ति का जीवंत उदाहरण है। ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया था। उन्होंने विशेष हवन के माध्यम से माँ बगलामुखी की पूजा की, जिससे यह स्थान दिव्य ऊर्जा से भर गया। आज भी उस हवन-कुंड की शक्ति महसूस की जा सकती है, और यहाँ उच्चारित मंत्रों में अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है। माँ बगलामुखी की शक्ति को स्तम्भन शक्ति कहा जाता है, जो नकारात्मकता को दूर करती है और शत्रु के प्रभाव से रक्षा करती है। यह शक्ति भक्तों को विजय, आत्म-नियंत्रण और सुरक्षा प्रदान करती है।
सदियों से दूर-दूर से लोग यहाँ माँ के दर्शन करने आते हैं। वे माँ के चरणों में प्रार्थना करते हैं और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति पाते हैं। इस मंदिर की ऊर्जा न केवल बाहरी परेशानियों को दूर करती है, बल्कि आंतरिक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति भी बढ़ाती है। श्री मंदिर द्वारा इस पावन स्थान पर अमावस्या के दिन माँ बगलामुखी की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। अमावस्या का दिन नकारात्मक शक्तियों के चरम होने के कारण विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि इस दिन की पूजा माँ की उग्र और करुणामयी दोनों शक्तियों को जाग्रत करती है और भक्तों को उनका आशीर्वाद मिलता है। इसलिए, माँ बगलामुखी की इस खास अमावस्या पूजा का हिस्सा बनकर उनकी कृपा पाने का यह एक सुनहरा अवसर है।