🔱 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक : खराब स्वास्थ्य, बुरी नजर और नकारात्मकता से राहत पाने का शिवमयी अवसर
हिंदू धर्म में सावन को भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र और शक्तिशाली महीना माना गया है। ऐसा माना जाता है कि यह पूरा महीना आत्मा की गहराई से भगवान शिव के निकट जाने का समय होता है, जब हर प्रार्थना, हर जप और हर अभिषेक साधक के जीवन में एक नई ऊर्जा भर सकते हैं। यदि आप पूरे सावन कहीं व्यस्त रहे तो यह शनिवार शिव आराधना के लिए, सावन और इस साल का आखिरी अवसर है। सावन का आखिरी दिन मन, कर्म और आत्मा की गहराई से शुद्धि और ईश्वर से जुड़ाव का अवसर देता है। इसीलिए, सावन के अंतिम दिन घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में भव्य रुद्राभिषेक का आयोजन होने जा रहा है, जो नजरदोष और बुरी शक्तियों से राहत दिलाते हुए बेहतर सेहत का आशीर्वाद दे सकता है।
🔱 बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में अंतिम और अति पूजनीय स्थान पर है घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, जो महाराष्ट्र के देवगिरि पर्वत के पास स्थित है। यह केवल एक तीर्थस्थल नहीं, बल्कि शिवभक्ति की अमिट गाथा का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, घुश्मा नाम की एक महिला हर दिन 101 पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करती थीं और उन्हें एक सरोवर में प्रवाहित करती थीं। एक दिन उसकी बहन ने ईर्ष्या में आकर अपनी ही बहन के पुत्र को मार डाला, फिर भी घुश्मा ने अपनी पूजा नहीं छोड़ी। उनकी सच्ची भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और उनके बेटे को जीवनदान दिया और वर मांगने को कहा। घुश्मा ने बहन को क्षमा करने और उसी स्थान पर सदा निवास करने का अनुरोध किया। महादेव ने उनकी बात मान ली और कहा कि वे यहाँ ‘घुश्मेश्वर’ (या घृष्णेश्वर) नाम से निवास करेंगे।
🔱 इसी श्रद्धा और परंपरा को ध्यान में रखते हुए सावन के आखिरी दिन घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग पर शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष पूजन में जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर जैसे द्रव्यों से अभिषेक किया जाएगा, साथ ही रुद्र मंत्रों का पाठ और हवन की विधि भी की जाएगी। यह पूजा उन श्रद्धालुओं के लिए है, जो लंबे समय से किसी न किसी मानसिक उलझन, बीमारी या घर-परिवार के माहौल में असंतुलन का अनुभव कर रहे हैं। घृष्णेश्वर में किया गया रुद्राभिषेक मन को स्थिर कर सकता है और मन की ऊर्जा को सहज और संतुलित बनाए रखने में सहायक माना गया है।
यदि आप भी घर-परिवार को खुशहाली, समृद्धि और बेहतर सेहत की दिशा में ले जाना चाहते हैं तो श्री मंदिर के माध्यम से इस भव्य रुद्राभिषेक में भाग लें और भगवान शिव की भक्ति में मन लगाएं।