✨ कालाष्टमी पर दस महाविद्याओं की आराधना से पाएं सुरक्षा और संतुलन का आशीर्वाद
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित प्राचीन श्री चामुंडा देवी मंदिर शक्ति उपासना का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां देवी चामुंडा के दर्शन और साधना से जीवन में शक्ति, साहस और स्थिरता का संचार होता है। इस बार विशेष कालाष्टमी के अवसर पर यहां दस महाविद्या तंत्रोक्त महापूजा, काली-तारा-त्रिपुर सुंदरी साधना एवं सिद्धि हवन का आयोजन किया जा रहा है, जो नकारात्मक प्रभावों और बुरी शक्तियों से सुरक्षा बनाए रखने का अवसर है।
🌸 दस महाविद्या साधना का महत्व 🌸
शास्त्रों में दस महाविद्याओं को देवी के दस दिव्य रूपों के रूप में वर्णित किया गया है। इनकी उपासना साधक को जीवन में संतुलन, साहस और स्पष्टता प्रदान करती है। विशेष रूप से कालाष्टमी पर की गई साधना नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से बचाव के लिए सहायक मानी जाती है।
🌺 काली, तारा और त्रिपुर सुंदरी साधना 🌺
इस विशेष अनुष्ठान में माँ काली, माँ तारा और माँ त्रिपुर सुंदरी की आराधना की जाती है। ये तीनों महाविद्याएं जीवन के भय, भ्रम और बाधाओं को दूर करने में सहायक मानी जाती हैं। विधिपूर्वक की गई साधना मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को मजबूत करती है।
🔥 सिद्धि हवन और तंत्रोक्त पूजन 🔥
पूजा के अंत में होने वाला सिद्धि हवन तांत्रिक विधियों से सम्पन्न किया जाता है। इसमें विशेष मंत्रोच्चारण, पुष्प और आहुतियों के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक वातावरण स्थापित करने का संकल्प लिया जाता है।
🛕 कालाष्टमी देवी उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस अवसर पर श्री चामुंडा देवी मंदिर में आयोजित इस महापूजा, साधना और हवन में सहभागी होकर नकारात्मक प्रभावों से रक्षा और आंतरिक शक्ति के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।