🙏 बुधवार, केतु का दिन : भय पर विजय और आंतरिक संतुलन पाने का विशेष दिन
सनातन धर्म के अनुसार, ग्रहों की ऊर्जा हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करती है, खासकर जब सही दिन पर सही पूजा और उपाय किए जाएं। ऐसे ही बुधवार का दिन केतु ग्रह से जुड़ा होता है, जो पिछले कर्मों, मन की बेचैनी और आध्यात्मिक दूरी से जुड़ा एक छाया ग्रह है। जब केतु की ऊर्जा संतुलन में नहीं होती, तब व्यक्ति को बार-बार डर, चिंता, मानसिक उलझन और अंदरूनी विरोध का अनुभव होने लगता है। ऐसे अनुभवों से जुड़ा एक प्रमुख दोष काल सर्प दोष है, जो राहु और केतु के साथ बनने वाले ग्रह योग से बनता है। यह दोष भावनात्मक और मानसिक असंतुलन, कामों में देरी, बाधाएं और जीवन में ठहराव जैसा प्रभाव लाता है। चूंकि बुधवार केतु का दिन होता है, इसलिए इसी दिन की गई यह पूजा केतु के असर को शांत करने और इस दोष से राहत पाने में बहुत असरदार मानी जाती है।
13 अगस्त 2025, बुधवार को, जो कि आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी का दिन भी है, श्री मंदिर के माध्यम से त्र्यंबकेश्वर रुद्राभिषेक और काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह दो विशेष पूजा विधियां मिलकर ग्रहों की परेशानियों को दूर करने और अंदर की उलझनों को शांत करने में मदद करती हैं। ये पवित्र अनुष्ठान त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में होंगे, जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों का एक साथ वास माना जाता है। साथ ही यह पूजा उज्जैन के नवग्रह शनि मंदिर में भी होगी, जो ग्रहों और कर्म सुधार के लिए एक खास स्थान है। त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक व्यक्ति की चेतना को ऊंचा करने और अंदरूनी संतुलन देने का काम करता है, जबकि नवग्रह शनि मंदिर में की जाने वाली काल सर्प दोष शांति पूजा राहु और केतु के खराब प्रभाव को शांत करती है।
यह पूजा उन पुराने कर्मों और मानसिक तनावों को भी दूर करने में सहायक मानी जाती है जो लंबे समय से जीवन में अड़चन बना रहे हों। यह एक दुर्लभ अवसर है, जब व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिति को फिर से स्थिर कर सकता है, डर से बाहर आ सकता है और अपने जीवन के सही रास्ते से फिर से जुड़ सकता है। जब यह पूजा पूर्ण श्रद्धा और ग्रहों के अनुकूल समय में की जाती है, तब यह मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और आत्मिक उन्नति का मार्ग खोल सकती है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष बुधवार, केतु शांति अनुष्ठान में शामिल हों और मन की उलझनों, डर और अस्थिरता से सच्ची राहत पाएं। भगवान शिव की कृपा से साहस, शांति और आत्मिक विश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति प्राप्त करें।