बढ़ती कठिनाइयां रोक रही हैं सफलता का मार्ग? 🌟
जानिए कैसे भगवान हनुमान और शनि देव की संयुक्त पूजा से खुलेंगे सौभाग्य के कपाट? 🙏
सनातन धर्म में शनिवार का दिन शनि देव और भगवान हनुमान की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शनि देव को न्याय के देवता और कर्मों के फलदाता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यदि शनि ग्रह की स्थिति कुंडली में प्रतिकूल हो, तो यह पारिवारिक कलह, करियर में बाधाएं और मानसिक तनाव जैसी कठिनाइयों का कारण बन सकता है। अतः उनकी विधिपूर्वक पूजा करने से नकारात्मक प्रभावों का शमन होता है और जीवन में शुभता, समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं भगवान हनुमान को शनिदेव के प्रभाव को नियंत्रित करने वाला देवता माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब रावण ने शनिदेव सहित नवग्रहों को बंदी बना लिया था, तब हनुमान जी ने अपने अपार बल से उन्हें मुक्त किया। इस उपकार से प्रसन्न होकर शनिदेव ने आशीर्वाद दिया कि जो भी भक्त हनुमान जी की श्रद्धापूर्वक आराधना करेगा, उस पर शनि की कठोर दृष्टि का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए हनुमान जी की भक्ति से न केवल शनि के अशुभ प्रभाव शांत होते हैं, बल्कि व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और मानसिक दृढ़ता भी प्राप्त होती है।
उज्जैन में विशेष "शनि-हनुमान 21 ब्राह्मणों अनुष्ठान"
शनिदेव और हनुमान जी की संयुक्त कृपा प्राप्त करने के लिए इस शनिवार को उज्जैन स्थित श्री नवग्रह शनि मंदिर में विशेष "शनि-हनुमान 21 ब्राह्मणों अनुष्ठान" का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में 21 ब्राह्मणों द्वारा 19,000 शनि मंत्रों का जाप तथा 1008 बार संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ किया जाएगा। यह अनुष्ठान शनि के प्रतिकूल प्रभावों को शांत करने और जीवन में संतुलन, समृद्धि एवं सफलता प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम माना जाता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लेकर आप भी अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं। यह अवसर उन सभी भक्तों के लिए विशेष है जो शनि ग्रह की दशाओं से राहत पाना चाहते हैं और भगवान हनुमान की कृपा से अपने जीवन में विजय, बल और आत्मविश्वास की वृद्धि करना चाहते हैं।