अक्सर ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर आ जाती है, जहां लगता है कि सबकुछ ठहरा हुआ है। बात बनते-बनते रह जाती है। पूरा जीवन जिसके साथ गुजारना है, वह मनचाहा और आदर्श न हो तो हर सफलता फीकी लगने लगती है।
ज्योतिष के अनुसार, यदि बृहस्पति ग्रह की चाल बिगड़ जाए तो विवाह में देरी, कलेश, रिश्तों में तकरार और जीवनसाथी से जुड़ी परेशानियां आम हो जाती हैं। लाख प्रयासों के बावजूद वह इंसान नहीं मिल पाता, जिसकी हमें चाहत है। ऐसे दोषों का निवारण विधिवत आराधना से ही संभव है। इस बार विशाखा नक्षत्र काल में काशी के श्री बृहस्पति मंदिर में बृहस्पति गुरु ग्रह यज्ञ, विष्णु सहस्रनाम और केले के पेड़ की पूजा होने जा रही है, जो अपने आप में सुनहरा अवसर है।
गुरु बृहस्पति विशाखा नक्षत्र के स्वामी हैं, इसलिए इस दिव्य काल में अनुष्ठान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भगवान विष्णु की पूजा बृहस्पति को शांत करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक मानी गई है, क्योंकि भगवान विष्णु को देवगुरु का प्रतिनिधि माना जाता है। इस मान्यता के अनुसार, काशी के पवित्र श्री बृहस्पति मंदिर में विशेष अनुष्ठानों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इनमें बृहस्पति ग्रह शांति यज्ञ, विष्णु सहस्रनाम पाठ और केले के पेड़ की पूजा शामिल है, जो पारंपरिक रूप से बृहस्पति का आशीर्वाद पाने के लिए गुरुवार को की जाती है।
🌟 भगवान विष्णु के एक हजार नामों से युक्त पवित्र स्तोत्र विष्णु सहस्रनाम को मूल रूप से महाभारत में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को प्रदान किया था। इस स्तोत्र का जाप करने से प्रसिद्धि, समृद्धि और मानसिक शांति का आशीष मिल सकता है। साथ ही केले के पेड़ की पूजा इन अनुष्ठानों के आध्यात्मिक फल को कई गुना बढ़ा देती है और भक्तों की प्रार्थना आसानी से पूज्य ग्रहों और ईश्वर तक पहुंचती है। विद्वान मानते हैं कि केले के पेड़ की विधिवत पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और रिश्तों में सुख-शांति और मधुरता को बढ़ावा देते हैं।
यह अनुष्ठान सिर्फ विवाह में देरी और रिश्तों में कड़वाहट से राहत की दिशा दिखाने तक सीमित नहीं है। बल्कि, यह आदर्श जीवनसाथी के सही चुनाव और वर्तमान के साथ भविष्य में बेहतर सामंजस्य को भी मजबूती दे सकता है। इस पूजा के माध्यम से जोड़ों में पहले जैसा प्यार, सम्मान और सामंजस्य की भावना पैदा होती है, जिससे मनमुटाव और अलगाव जैसे विचार नहीं आते। बृहस्पति दोष दूर होते ही आदर्श जीवनसाथी के साथ जीवन में बिना रुकावटों के आगे बढ़ने की दिशा मिलने लगती है, जो पूरे जीवन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
🌟 आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इन दिव्य अनुष्ठानों में भाग लें और संतुलित और समृद्ध जीवन के लिए बृहस्पति और भगवान विष्णु की संयुक्त कृपा पाएं।