काल भैरव की कृपा और मां बगलामुखी की शक्ति से नज़रदोष और नकारात्मकताओं से मुक्ति पाएं 🔱🔥
हिंदू धर्म में बाबा काल भैरव भगवान शिव के रौद्र रूप में पूजे जाते हैं, जो समय के चक्र को नियंत्रित करते हैं। वहीं, मां बगलामुखी शक्तिशाली देवी स्वरूपा हैं, जो शत्रुओं को नष्ट करने के लिए जानी जाती हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि जो भक्त इन दोनों शक्तियों की विधिवत पूजा करते हैं, वे न केवल नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहते हैं, बल्कि जीवन की समस्त चुनौतियों और दुर्भाग्य पर विजय का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
🔥अमावस्या तिथि पर ही भगवान काल भैरव और मां बगलामुखी की पूजा क्यों?
सनातन धर्म में अमावस्या को नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने वाली और दिव्य फलदायी तिथि माना गया है। शास्त्रों में वर्णन है कि इस तिथि पर की गई आराधना, अनेकों पूजा-पाठों का फल देती है। इस दिन आयोजित होने जा रहे ‘देवी कवच’ और ‘निशित काल रक्षा हवन’ से भगवान भैरव और मां बगलामुखी प्रसन्न होते हैं और आराधक की पराजय को विजय में बदलने का आशीर्वाद मिलता है।
🔥 निशित काल में ही इस दिव्य अनुष्ठान का आरंभ-समापन क्यों?
मां बगलामुखी मंदिर और काल भैरव मंदिर में होने जा रहा ‘काल भैरव स्तोत्र, देवी कवच एवं निशित काल रक्षा हवन’ आराधक को संपूर्ण रक्षा का भी आशीर्वाद देता है। इस विशेष पूजा का समय यानी ‘निशित काल’ अर्धरात्रि का वह प्रहर है, जब शक्ति और आशीर्वाद का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस प्रहर में विधिवत किया गया अनुष्ठान साधक को नकारात्मक शक्तियों से से तो बचाता ही है, साथ ही नज़रदोष और कवच रूपी सुरक्षा का आशीर्वाद भी भक्तों को मिलता है।
श्री मंदिर के माध्यम से कवच एवं निशित काल पूजा स्तोत्र में भाग लें और भैरव देव से नकारात्मकता को धूमिल करने और मां बगलामुखी से कवचरूपी सुरक्षा का आशीर्वाद पाएं।