गुप्त नवरात्रि हिंदू पंचांग का एक अत्यंत रहस्यमय और शक्तिशाली काल होता है। यह वही नौ दिवसीय अवधि है जब दस महाविद्याओं की तीव्रतम ऊर्जा जाग्रत होती है। इस कारण यह समय नकारात्मक शक्तियों पर विजय, आत्मबल और दिव्य सुरक्षा प्राप्त करने के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।
🔱 गुप्त नवरात्रि का पहला दिन दुर्लभ आध्यात्मिक आशीर्वादों का द्वार क्यों माना जाता है?
क्योंकि यह दिन एक गहन रूपांतरण की शुरुआत का संकेत देता है, जहाँ एक भी प्रार्थना जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकती है। इसी विशेष दिन पर भव्य त्रिशक्ति महाविद्या पूजा का आयोजन किया जा रहा है। गुप्त नवरात्रि के पहले ही दिन भारत के तीन परम पूजनीय मंदिरों में तीन शक्तिशाली महाविद्याओं की विशेष पूजा की जाएगी – हरिद्वार के सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर में बगलामुखी शत्रु मोक्ष हवन, कोलकाता के कालीघाट शक्तिपीठ में काली सर्वरक्षा पूजन, और प्रयागराज के शक्तिपीठ माँ ललिता मंदिर में त्रिपुर सुंदरी कार्य सिद्धि अभिषेक संपन्न होगा।
🌟 यह त्रिदेवी पूजा इतनी विशिष्ट क्यों है?
यह आपको एक दुर्लभ अवसर देती है कि आप एक ही दिन में सिद्धपीठों और शक्तिपीठों से माँ बगलामुखी, माँ काली और माँ त्रिपुर सुंदरी के प्रत्यक्ष आशीर्वाद प्राप्त करें।
ये तीनों महाविद्याएं धर्म की रक्षक मानी जाती हैं।
- माँ बगलामुखी नकारात्मकता और असत्य को जड़ से निष्क्रिय करती हैं।
- माँ काली आंतरिक व बाह्य शत्रुओं का नाश कर दिव्य सुरक्षा प्रदान करती हैं।
- माँ त्रिपुर सुंदरी साधक को कार्यों में सफलता और जटिल परिस्थितियों में विजय प्रदान करती हैं।
⚔️ यह त्रिशक्ति पूजा अधर्म और कानूनी समस्याओं पर कैसे विजय दिला सकती है?
यह पूजा अन्याय का अंत कर, शत्रु ऊर्जा को निष्क्रिय कर, आपको सांसारिक और कर्मिक संघर्षों में मजबूती प्रदान करती है। गुप्त नवरात्रि के इस पावन आरंभ पर श्री मंदिर के माध्यम से इस भव्य त्रिशक्ति पूजा में भाग लें और तीनों महाविद्याओं के कृपा प्राप्त करें।