क्या आप सावन के पहले शनिवार को भगवान शिव, हनुमान जी और शनि देव की त्रिशक्ति से जुड़ने के लिए तैयार हैं? 🙏🔱🪐
सावन माह हिन्दू पंचांग में अत्यंत पवित्र एवं शक्तिशाली समय माना गया है। यह संपूर्ण माह भगवान शिव की भक्ति, जप और पूजन के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है। विशेष रूप से सावन के शनिवार, जहां एक ओर भगवान शिव का प्रभाव रहता है, वहीं दूसरी ओर भगवान हनुमान जी एवं शनिदेव की उपासना के लिए भी शुभ माने जाते हैं। इसलिए इस वर्ष सावन के पहले शनिवार के अवसर पर श्री मंदिर द्वारा भगवान शिव, हनुमान जी एवं शनि देव की संयुक्त पूजा का आयोजन किया जा रहा है।
🚩क्यों की जाती है भगवान शिव, हनुमान और शनि देव की एक साथ पूजा? 👇
भगवान शिव को संहारक और कल्याणकारी दोनों रूपों में जाना जाता है। सावन में उनकी पूजा करने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य और आत्मिक संतुलन की अनुभूति हो सकती है। वहीं हनुमान जी को शिव का रूद्रावतार माना गया है। अतः हनुमान जी की पूजा, शिव की ही कृपा प्राप्त करने का एक मार्ग हो सकता है। हनुमान जी से साहस, निडरता और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा की भावना उत्पन्न होती है। शनि एवं हनुमान जी के बीच अत्यंत गहरा संबंध है जिसकी एक प्रचलित कथा भी है। त्रेतायुग में रावण ने शनिदेव को बंधक बना लिया था। जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया। कृतज्ञता से भरे शनि देव ने वादा किया कि हनुमान भक्तों पर उनका बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हनुमान मूल मंत्र व्यक्ति को अदम्य शक्ति, साहस और भयमुक्त जीवन प्रदान करता है।
🚩 विशेष अनुष्ठान इस महायज्ञ में:
🔹 शनि दोष निवारण हवन: शनि के अशुभ प्रभावों, न्यायिक अड़चनों, मानसिक तनाव और विलंब को शांत करने हेतु यह हवन किया जाएगा, जिसमें काले तिल, सरसों का तेल, दूर्वा और कोयले का प्रयोग किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह हवन शनिदेव की अनुकंपा प्राप्त करने का एक प्रभावशाली उपाय है।
🔹 हनुमान मूल मंत्र जाप: 1,008 बार हनुमान मूल मंत्र का जाप किया जाएगा। यह अनुष्ठान अदृश्य नकारात्मकताओं, भय व मानसिक रुकावटों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होता है।
🔹 शिव रुद्राभिषेक: बेल पत्र, गंगाजल, दूध और शहद से भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाएगा, जो नवग्रहों की शांति और आध्यात्मिक संतुलन को स्थापित करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
इसलिए सावन के पहले शनिवार के दिन उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर में शिव-हनुमान-शनि पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के द्वारा इस अनुष्ठान में भाग लें और जीवन में नकारात्मकता और बाधाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।