🔱 सावन के पहले सोमवार, हर प्रहर महादेव की कृपा से माँगें संपूर्ण सुरक्षा, शांति और शक्ति का आशीर्वाद🔱
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए सबसे खास और शुभ समय माना जाता है। यह महीना पूजा, मंत्र जाप और अभिषेक के लिए बहुत ही पवित्र माना गया है। मान्यता है कि सावन में की गई शिव आराधना जल्दी फल देती है और शिव जी अपने भक्तों को मानसिक शांति, जीवन में संतुलन और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। भगवान शिव को सिर्फ एक योगी नहीं, बल्कि अपने भक्तों के लिए बेहद दयालु, करुणामय और रक्षक भी माना जाता है। वही हैं जिन्होंने सृष्टि की भलाई के लिए विष अपने कंठ में रख लिया था और जब कोई रास्ता नहीं बचता, तब भी अपने भक्तों के लिए उम्मीद की रोशनी बनाए रखते हैं।
इसी वजह से सावन का पहला सोमवार भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करने का एक अनमोल अवसर होता है। इसी दिव्य कृपा को आमंत्रित करने के लिए “शिव प्रहर कवच” नाम से एक विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान दो पवित्र ज्योतिर्लिंगों त्र्यंबकेश्वर और ओंकारेश्वर में चार अलग-अलग समय खंडों यानी प्रहरों में संपन्न होगा। हर प्रहर में शिव जी की विशेष आराधना की जाएगी, जो जीवन के अलग-अलग पहलुओं को छूती है।
🔱 प्रथम प्रहर में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पंचामृत से रुद्राभिषेक और तंत्रोक्त रक्षा हवन किया जाएगा। यह क्रम भय, असमंजस और नकारात्मकता से मन की रक्षा का प्रतीक माना गया है।
🔱 द्वितीय प्रहर में उसी ज्योतिर्लिंग पर गौमुखी गंगाजल, पुष्प, चंदन और हल्दी से अभिषेक होगा, जिससे मन में शांति और पारिवारिक रिश्तों में मेलजोल बढ़ाने की भावना जागृत करने में मदद मिलती है।
🔱 तृतीय प्रहर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर महामृत्युंजय लघु रुद्रपाठ और त्रिपुंड्र तिलक सेवा की जाएगी। मान्यता है कि इससे विचारों में स्पष्टता आती है और साधक को अपने जीवन की दिशा समझने में मदद मिलती है।
🔱 चतुर्थ प्रहर में ओंकारेश्वर के तट पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप, शिव तर्पण और दीपदान किया जाएगा। यह क्रम उन भावनाओं से जुड़ा है जो मन के भीतर की थकावट को शांत कर आत्मा को हल्का और स्थिर अनुभव देने में सहायक होते हैं।
यह पूजा उनके लिए विशेष फलदायी मानी जाती है जो सावन की शुरुआत श्रद्धा, संकल्प और सकारात्मक ऊर्जा यानि भगवान शिव की कृपा के साथ करना चाहते हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनें और सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।