🤔क्या डर, उलझन और बार-बार की देरी आपको जीवन में आगे बढ़ने से रोक रही है?
दर्श अमावस्या को आध्यात्मिक रूप से बेहद शक्तिशाली समय माना जाता है। इस दिन नकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक सक्रिय होती है। यहीं कारण है कि इस दिन विशेष रूप से उग्र देवताओं की पूजा की जाती है ताकि इन ऊर्जाओं के प्रभावों को शांत किया जा सके और दिव्य सुरक्षा प्राप्त हो सके। इन्हीं में से एक उग्र देवता भगवान काल भैरव को अंधकार, देरी और भय को समाप्त करने वाली सबसे शक्तिशाली शक्ति माना जाता है।
काल भैरव, भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं, जो स्वयं काल यानी समय के अधिपति माने जाते हैं।
इन्हें निशित काल अर्थात आधी रात के गहन आध्यात्मिक समय का स्वामी कहा गया है। कहते हैं कि इनके स्मरण मात्र से अदृश्य बाधाओं से रक्षा, मानसिक भ्रम का नाश और ठहराव से मुक्ति मिलती है।
अमावस्या, पर विशेषकर निशित काल में, इनकी पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इसलिए इस दर्श अमावस्या पर काशी के आदि काल भैरव मंदिर में, निशित काल के दौरान, काल भैरव के अभिषेक, पूजन और यज्ञ आयोजित किया जा रहा है। यह दुर्लभ मध्य रात्रि पूजा ठीक उसी समयावधि में की जाती है जब भगवान भैरव की ऊर्जा अपने चरम पर होती है - जिससे पूजा की क्षमता आपके जीवन से भय, भ्रम और लगातार होने वाली देरी को दूर करने में बढ़ जाती है। पवित्र अभिषेक, शक्तिशाली मंत्रों और हवन की अग्नि आहुतियों के माध्यम से, भक्तों को निम्न प्राप्त होंगे:
🔹अंदर से डर और चिंता से छुटकारा, जो आपको कोई कदम उठाने से रोकती है
🔹सोचने और सही फैसला लेने की साफ़ समझ, जिससे मन की उलझनें दूर होती हैं
🔹ऐसी छुपी हुई रुकावटों का हटना जो काम, रिश्तों और आध्यात्मिक प्रगति में देरी करती हैं
इस शक्तिशाली रात्रि और पवित्र समय में आयोजित पूजा में भाग लेने से भक्तों को साहस, मानसिक तीक्ष्णता और हानिकारक शक्तियों से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस शक्तिशाली निशित काल भैरव साधना में शामिल हों और इस दर्श अमावस्या पर भगवान भैरव की दिव्य कृपा प्राप्त करें। उनकी प्रचंड ऊर्जा आपको भय और देरी से परे, निर्णायक कार्रवाई और स्पष्टता की ओर ले जायेगी।