ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह बुद्धि, बातचीत, व्यापार, निर्णय क्षमता और व्यवहार को प्रभावित करता है। जब कुंडली में बुध कमजोर हो या किसी पाप ग्रह से पीड़ित हो, तो इसे बुध दोष कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध दोष हो, उसे कई छोटी-बड़ी परेशानियाँ लगातार अनुभव होने लगती हैं। बातचीत में गलतफहमियाँ बढ़ना, शब्दों में कड़वाहट आ जाना, व्यापार में उतार–चढ़ाव बने रहना, निर्णय लेने में अस्थिरता महसूस होना या मानसिक तनाव का बढ़ना, ये सब बुध दोष के सामान्य संकेत बताए जाते हैं। कई बार व्यक्ति बहुत मेहनत करता है, लेकिन लोग उसके शब्दों को ठीक से समझ नहीं पाते, या उसके विचारों को गंभीरता से नहीं लेते। इसी वजह से रिश्तों में दूरी आने लगती है और व्यापारिक कदम भी अस्थिर होने लगते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बुध दोष का प्रभाव केवल दिमाग़ या बोलचाल तक सीमित नहीं रहता बल्कि यह व्यक्ति के भीतर के आत्मविश्वास को भी कमजोर कर देता है। जीवन में एक ऐसा दौर आता है जब इंसान को लगता है कि वह सब समझ रहा है, पर सामने वाला उसे समझ नहीं पा रहा। मन की बातें कड़वाहट बनकर निकलने लगती हैं और कई बार सही अवसर सामने होते हुए भी निर्णय लेने में दुविधा बनी रहती है। बुध ग्रह की यही असंतुलित ऊर्जा व्यक्ति को थका देती है, और उसका स्वाभाविक आनंद और सरलता कम होने लगती है। इन्हीं कारणों से बुध दोष निवारण पूजा की परंपरा को महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जब मन में स्पष्टता आती है, बातचीत में सहजता लौटती है और बुद्धि स्थिर होती है, तब जीवन के रास्ते भी सरल हो जाते हैं।
बुध देव को संतुलन, सूझबूझ और मधुर संवाद का कारक माना गया है। इसलिए बुध ग्रह की शांति और कृपा के लिए विशेष पूजाओं का आयोजन प्राचीन समय से होता आया है। जीवन में बुध ग्रह की कृपा और मानसिक-व्यावहारिक संतुलन को सही करने की भावना से ही श्री मंदिर के द्वारा बुध दोष निवारण पूजा का आयोजन उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर में किया जा रहा है। मान्यता है कि जब बुध की ऊर्जा शांत होती है, तो वाणी मधुर हो सकती है, विचार स्पष्ट होते हैं और व्यापारिक तथा व्यक्तिगत जीवन दोनों में सहजता लौटती है। यदि आप भी इस प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो देर न करें श्री मंदिर के माध्यम से इसविशेष अनुष्ठान में भाग लें।