🔱✨ श्री बटुक भैरव मंदिर में आयोजित भैरव–देवी नज़र दोष विशेष पूजा में भाग लेकर आप भी पा सकते हैं बुरी नज़र और नकारात्मकता से राहत का समाधान🕯️🧿
नज़र दोष, जिसे बुरी नज़र भी कहा जाता है, एक ऐसी धारणा है जो लोक परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं में प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति ईर्ष्या या नकारात्मक भाव से किसी की प्रगति, सुख या सफलता को देखता है, तो उसकी नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ पैदा कर सकती है। इसके प्रभाव से अचानक आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्या, मानसिक तनाव और कामों में रुकावट जैसी स्थितियाँ आ सकती हैं। ऐसी अदृश्य और नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष देवताओं की आराधना का उल्लेख मिलता है। इनमें भगवान बटुक भैरव और माँ बगलामुखी की उपासना को विशेष स्थान प्राप्त है। भगवान बटुक भैरव को अदृश्य संकटों से रक्षा करने वाले देवता माना जाता है। उनकी कृपा से जीवन में आने वाली छिपी हुई बाधाएँ शांत होती हैं और एक सुरक्षा कवच का अनुभव होता है।
वहीं माँ बगलामुखी को शत्रु शक्ति को रोकने और नकारात्मक प्रभाव को स्तंभित करने वाली देवी माना जाता है। उनकी आराधना से साधक को मानसिक स्थिरता, आत्मबल और साहस प्राप्त होता है। बगलामुखी साधना बाहरी शत्रुओं के साथ-साथ भीतर के भय और असुरक्षा को भी कम करती है। शास्त्रीय विधि से भगवान बटुक भैरव के रक्षा कवच तंत्रोक्त यज्ञ और माँ बगलामुखी के विशेष हवन का आयोजन, नज़र दोष और अदृश्य बाधाओं से बचाव के लिए प्रभावी माना जाता है। इन अनुष्ठानों में वैदिक मंत्रोच्चार और विशेष आहुतियों के माध्यम से साधक के चारों ओर एक आध्यात्मिक सुरक्षा घेरा स्थापित किया जाता है।
धारणा है कि जब भगवान भैरव और माँ बगलामुखी की आराधना साथ में की जाती है, तो यह साधक को दोहरी शक्ति प्रदान करती है भैरव कृपा से अदृश्य संकटों से बचाव और बगलामुखी आशीष से नकारात्मक ऊर्जा का नियंत्रण। यह संयोजन मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है। ऐसे अनुष्ठानों में सम्मिलित होकर साधक अपने और अपने परिवार को अदृश्य नकारात्मक प्रभावों से बचाने का प्रयास कर सकता है। यह मार्ग न केवल सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।