विजयादशमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और विशेष पर्व है। इसे दशहरा भी कहा जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर धर्म की रक्षा की थी। यह दिन केवल ऐतिहासिक घटना का स्मरण नहीं बल्कि हमारे जीवन की अंधकारमयी कठिनाइयों, बाधाओं और नकारात्मकताओं को दूर कर नई शुरुआत का संदेश लेकर आता है। मान्यता है कि विजयादशमी के दिन की गई पूजा और अनुष्ठान साधक के जीवन में शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
इस पावन दिन का महत्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए बढ़ जाता है जो शत्रु, विरोधी या कानूनी विवादों से परेशान हैं। ऐसी परिस्थितियों में माँ बगलामुखी की साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। देवी बगलामुखी, जिन्हें पीताम्बरा देवी भी कहा जाता है, दस महाविद्याओं में से एक शक्तिशाली स्वरूप हैं। कहा जाता है कि उनकी पूजा और मंत्रों से शत्रुओं का मन, वाणी और बुद्धि स्थम्भित हो जाती है और जीवन की बाधाएँ धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। विजयादशमी पर माँ बगलामुखी की पूजा विशेष रूप से न्याय और विजय की प्राप्ति के लिए लाभदायक मानी जाती है। इस दिन आयोजित हवन और अनुष्ठान साधक को न्यायिक मामलों में सफलता, झूठे आरोपों से मुक्ति और व्यापारिक या पारिवारिक विवादों में विजय दिलाने में मदद करते हैं।
सही विधि और मार्गदर्शन में किए गए इस अनुष्ठान से जीवन में स्थिरता और शक्ति का संचार होता है। यह केवल एक पूजा नहीं बल्कि अपने जीवन की राह को सकारात्मक और सशक्त बनाने वाला दिव्य अनुभव है। इसीलिए विजयादशमी के पावन अवसर पर हरिद्वार के प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मंदिर में यह विशेष अनुष्ठान आयोजित होता है। इस पूजा में भाग लेकर भक्त माँ बगलामुखी की अपार शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह अवसर जीवन की कठिनाइयों को पार करने, न्याय और सफलता की ओर बढ़ने तथा नकारात्मक शक्तियों से मुक्त होने का मार्ग दिखा सकता है।
🙏श्री मंदिर के माध्यम से इस खास पूजा का हिस्सा बनकर आप अपने जीवन में शांति, विजय और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं।🙏