⚖️ शत्रुओं की साजिशों और कोर्ट केस की उलझनों से राहत पाना चाहते हैं? सावन के आखिरी शनिवार को माँ बगलामुखी मंदिर, नरसिंह घाट और श्री नवग्रह शनि मंदिर में होने वाले विशेष अनुष्ठान से पाएं राहत का आशीर्वाद 🙏🔱
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष माना गया है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और साधक को शिव साधना के माध्यम से मानसिक शांति, आंतरिक संतुलन और आत्मिक बल प्राप्त होता है। सावन का आखिरी शनिवार इस माह के समापन के साथ-साथ शनि और देवी साधना के विशेष योग का संकेत भी देता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, दस महाविद्याओं की उत्पत्ति भगवान शिव और माता सती के बीच हुए एक संवाद से जुड़ी है। जब सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में जाने की इच्छा प्रकट करती हैं और शिव उन्हें रोकते हैं, तब सती अपने वास्तविक स्वरूप ‘महाकाली’ में प्रकट होती हैं। भगवान शिव को रोकने के लिए देवी अपने दस उग्र रूपों को प्रकट करती हैं, जो आगे चलकर दस महाविद्याओं के रूप में प्रसिद्ध हुए।
इन दस महाविद्याओं में आठवीं मानी जाती हैं देवी बगलामुखी जिन्हें ‘स्तम्भन शक्ति’ की देवी कहा जाता है जो शत्रु की वाणी, सोच और निर्णयशक्ति को रोक सकती हैं। उनकी साधना विशेष रूप से न्यायिक मामलों, कोर्ट केस, सरकारी अड़चनों और शत्रु बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए की जाती है। विशेषकर कुछ खास विधियों से की गई पूजा से शत्रु पर विजय, वाद–विवाद में सफलता और धन–प्राप्ति के योग बन सकते हैं। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि शनिदेव को न्याय का देवता भगवान शिव के आशीर्वाद से ही बनाया गया था। वे शिव भक्त हैं और कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता हैं। इसलिए सावन के आखिरी शनिवार को की गई शनि साधना विशेष फलदायी मानी जाती है।
इस शुभ अवसर पर उज्जैन के श्री नवग्रह शनि मंदिर और माँ बगलामुखी मंदिर में "शनि–बगलामुखी संयुक्त हवन" और "कानूनी विजय संकल्प पूजा" का आयोजन किया जा रहा है। यह दिन न्याय, शत्रु विजय और आत्मिक शक्ति की प्राप्ति के लिए विशेष माना जा रहा है। ऐसे में सावन के इस आखिरी शनिवार को यह पूजन साधकों के लिए शुभ अवसर हो सकता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान का हिस्सा बनें और शत्रुओं पर विजय तथा कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता के लिए देवी बगलामुखी और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करें।