51 हजार आदित्य ह्रदय स्तोत्र पाठ और 108 सूर्य मूलमंत्र महायज्ञ से पाएं धन-सम्मान का आशीष ✨🏆
हिंदू कैंलेडर में सावन समापन के बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होती है। भाद्रपद महीना त्योहारों से भरपूर रहता है, जिसमें जन्माष्टमी, अनंत चतुर्दशी जैसे त्योहार भक्तों के बीच धूमधाम से मनाए जाते हैं। त्योहारों के इस महीने में आराधना और अनुष्ठान भी भव्य हो जाते हैं, जिसके फल से भक्तों को जीवन में नए-नए अवसर मिलते हैं और उन्नति की दिशा मजबूत होती है। यदि आप व्यापार में उन्नति और राजनीति में मान-सम्मान तलाश रहे हैं तो सूर्य उपासना और महायज्ञ सही रास्ता दिखा सकते हैं।
✨ शास्त्रों में रविवार को भगवान सूर्य की उपासना का विशेष दिन माना गया है। जीवन में नई ऊर्जा, मान-सम्मान और अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य ही ज़िम्मेदार होते हैं। उनकी उपासना भक्तों को व्यापार में उन्नति और राजनीति में मान-सम्मान और प्रसिद्धि दिला सकती है। सूर्य आराधना में 51 हजार आदित्य ह्रदय स्तोत्र और 108 सूर्य मूलमंत्रों को विशेष दर्जा दिया गया है। यह अनुष्ठान जब महायज्ञ के साथ संपन्न होता है तो ये कई पूजाओं के बराबर फलदायी हो सकता है। रविवार ऐसा दिन है, जब हम आम तौर पर काम-धंधे से दूर घर-परिवार के साथ समय बिता रहे होते हैं। ऐसे में यदि घर बैठे सूर्य उपासना का यह अवसर मिल जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है!
✨ हिंदू शास्त्रों के अनुसार, रविवार सूर्य देव की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन माना गया है। इस दिन विशेष रूप से किए जाने वाले दो महत्वपूर्ण अनुष्ठान 51 हजार आदित्य ह्रदय स्तोत्र पाठ और 108 सूर्य मूलमंत्र महायज्ञ से आर्थिक उन्नति, करियर में स्थिरता और समाज में खोया मान-सम्मान वापस मिल सकता है। आदित्य हृदय स्तोत्र, जिसे महर्षि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को रावण से युद्ध से पूर्व बताया था, यह पक्के इरादे की शक्ति और विजय का प्रतीक है। श्रद्धा पूर्वक इसके पाठ से मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
🏆 श्री मंदिर द्वारा श्री गलताजी सूर्य मंदिर में इस अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह आपके जीवन में धन, करियर में उन्नति और मान-सम्मान के साथ अपार सफलता के द्वार खोल सकता है।