🛑 क्या आप बिना किसी ठोस कारण के कानूनी उलझनों, करियर ब्रेक और मानसिक बेचैनी से जूझ रहे हैं?
कई बार इंसान कानूनी विवादों और करियर की अनिश्चितताओं में इतना उलझ जाता है कि सफलता उससे दूर हो जाती है। दिमागी बेचैनी इस कदर बढ़ जाती है कि व्यक्ति एक पल में कुछ सोचता है और अगले ही पल कुछ और कर डालता है। यदि आपके जीवन में भी ऐसा भ्रम और अस्थिरता है, तो यह राहु की अराजक ऊर्जा का असर हो सकता है। इस तरह की परेशानियों से राहत पाने के लिए कालाष्टमी एक अत्यंत प्रभावी अवसर मानी जाती है। ऐसा विश्वास है कि इस तिथि पर राहुदेव–भैरव जी के संयुक्त अनुष्ठान से जीवन को फिर से स्थिरता और दिशा मिल सकती है।
कालाष्टमी को भगवान भैरव की आराधना का विशेष दिन माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, राहुदेव भगवान शिव के परम भक्त हैं और भैरव, शिव के उग्र रूप माने जाते हैं। यही कारण है कि इस दिन राहु दोष निवारण और भैरव साधना का संगम साधक को शीघ्र फल देता है। उत्तराखंड के राहु पैठाणी और मध्य प्रदेश के काल भैरव मंदिर में होने जा रहा संयुक्त राहु–भैरव दोष भंजन अनुष्ठान, उन लोगों के लिए विशेष फलदायी है जो लगातार कानूनी समस्याओं, रुकावटों और मानसिक अशांति से जूझ रहे हैं।
राहु के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति एक के बाद एक उलझनों में फंस सकता है। एक समस्या का हल निकलते ही दूसरी खड़ी हो जाती है। जब राहु दोष अपने चरम पर होता है, तो जीवन में अचानक नौकरी जाना, बड़ा पेमेंट अटकना, पारिवारिक विवाद, कोर्ट के नोटिस, जमानत में देरी जैसी स्थितियां बन सकती हैं। यदि आप भी इस तरह के मायाजाल में फंसे हैं, तो कालाष्टमी पर दो सिद्ध स्थानों राहु पैठाणी और काल भैरव मंदिर में होने वाला यह अनुष्ठान इन बुरे प्रभावों को पलटने में सहायक माना जाता है।
भगवान भैरव की कृपा से ग्रह दोष, विशेषकर राहु से उत्पन्न नकारात्मकता, धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। कालाष्टमी पर की गई यह साधना, राहु के दोष निवारण की प्रार्थना और भैरव देव से नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करने का आह्वान का संगम है, जो साधक को कानूनी रुकावटों, करियर में अवरोध और मानसिक बेचैनी से मुक्ति की राह दिखाता है।
श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित इस कालाष्टमी विशेष अनुष्ठान में भाग लें और राहु–भैरव की कृपा से राहत व स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।