🪔 क्या परेशानियाँ आपका साथ नहीं छोड़ रहीं? यहाँ जानें शनिदेव की कृपा से राहत पाने का उपाय।
सनातन धर्म में शनिवार का दिन विशेष रूप से शनि देव को समर्पित माना गया है। इस दिन की गई पूजा और साधना शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक मानी जाती है। शनि देव जिन्हें ‘न्याय का देवता’ कहा गया है कहते है कि वह प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मानुसार फल देते हैं। जब उनकी कृपा होती है तो जीवन में स्थिरता, सफलता और मानसिक शांति बनी रहती है, लेकिन यदि अशुभ प्रभाव अधिक हों तो व्यक्ति आर्थिक परेशानियों, मानसिक तनाव और सामाजिक बाधाओं का सामना कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़े साती, शनि महादशा और अन्य अशुभ ग्रह योग व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयाँ ला सकते हैं। इन परिस्थितियों में व्यक्ति अपने प्रयासों के बावजूद निर्णयों में असमंजस, आर्थिक उलझन, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ और मानसिक अशांति अनुभव हो सकता है।
ऐसे समय में केवल साधारण उपाय पर्याप्त नहीं होते, बल्कि विशेष वैदिक अनुष्ठान और शनिदेव की कृपा आवश्यक मानी जाती है। इन प्रभावों को कम करने के लिए शनिदेव के अभिषेक, शांति हवन और मंत्र जाप विशेष रूप से प्रभावी माने गए हैं। तेलाभिषेक (तिल तेल का प्रयोग), हवन में आहुति और शनि बीज मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने में मदद करता है। शनिदेव की यह पूजा व्यक्ति को मानसिक स्थिरता, कार्यों में स्पष्टता और पारिवारिक संतुलन देने में सहायक मानी जाती है। इसीलिए इस विशेष अनुष्ठान का आयोजन उज्जैन स्थित श्री नवग्रह मंदिर में किया जा रहा है।
🙏 आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष शनिवार पूजा में भाग लेकर शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में स्थिरता, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं।