🕉️ मानसिक स्थिरता की तलाश है? इस विशेष राहु नक्षत्र पूजा के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का अनुभव करें।
सनातन धर्म में आश्विन माह का विशेष महत्व है। इस माह में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव चार माह के चतुर्मास में संपूर्ण सृष्टि के पालनहार हैं। इसे कहते हैं कि इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से राहु दोष सहित अन्य दोषों से शांति मिलती है। राहु के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करना लाभकारी माना गया है, क्योंकि राहु स्वयं भगवान शिव के भक्त हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु एक छाया ग्रह है जो किसी भी भाव में स्थित होने पर जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। राहु के नकारात्मक प्रभाव मानसिक अस्थिरता, भय और मानसिक तनाव पैदा कर सकते हैं। राहु के प्रभाव में आने वाले व्यक्ति में धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी और हानिकारक आदतें विकसित हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, आत्म-विश्वास से संबंधित परेशानियाँ और अपमान का सामना भी हो सकता है।
ज्योतिष में राहु के दुष्प्रभाव को कम करने के उपाय बताए गए हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, किसी भी राहु नक्षत्र में शिव मंदिर में राहु की पूजा करना राहु दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। इसी उपाय के अनुसार, शनिवार को भगवान शिव को समर्पित विशेष राहु ग्रह शांति पूजा: 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन उत्तराखंड के राहु पैठानी मंदिर में शतभिषा नक्षत्र में किया जाएगा। यह मंदिर उन wenigen मंदिरों में से एक है जहाँ भगवान शिव और राहु दोनों की पूजा एकसाथ की जाती है। यहाँ पूजा करने से राहु दोष से राहत और भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और मानसिक स्थिरता तथा नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के आशीर्वाद प्राप्त करें।