🪐 आ चुका है बड़े मंगल और शनि जयंती का शुभ संयोग, इस दुर्लभ अवसर पर आप भी पाएं अपनी सभी बाधाओं के निवारण सामाधान ✨💫🕉️
इस वर्ष शनि जयंती एक अत्यंत पावन अवसर लेकर आई है, क्योंकि यह शुभ दिन बड़े मंगल के साथ दुर्लभ संयोग में पड़ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि जब बड़े मंगल और शनि जयंती एक साथ आते हैं, तब संकटमोचन हनुमान जी और न्यायप्रिय शनिदेव दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त होती है। यह संयोग जीवन में आने वाली बाधाओं एवं चुनौतियों, मानसिक तनाव, दुर्भाग्य और ग्रह दोषों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। बड़े मंगल पर हनुमान जी की उपासना जहां भय, बाधा और रोगों से रक्षा करती है, वहीं शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा से कर्मगत कष्टों और अशुभ प्रभावों का शमन होता है।
🔥 हनुमान जी और शनिदेव: शक्ति, न्याय और करुणा के देवता
हनुमान जी को कलियुग के चिरंजीवी संकटमोचक के रूप में पूजा जाता है, जो शक्ति, भक्ति और रक्षा के प्रतीक हैं। बड़े मंगलवार को उनकी उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है, और जब यह दिन शनि जयंती से जुड़ता है, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। वहीं शनिदेव कर्म और न्याय के देवता हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि जयंती उनके जन्मोत्सव का दिन है, जिस पर की गई पूजा से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और अन्य दोषों से मुक्ति मिलती है।
💫 हनुमान जी और शनिदेव का विशेष संबंध
त्रेतायुग की कथा के अनुसार, हनुमान जी ने रावण की कैद से शनिदेव को मुक्त किया था। इसके बदले में शनिदेव ने वचन दिया कि जो भी हनुमान की भक्ति करेगा, उसे वे कष्ट नहीं देंगे। इसी कारण हनुमान जी को सिंदूर और शनिदेव को तिल का तेल अर्पित करना आज भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह परंपरा दोनों देवताओं की कृपा पाने का माध्यम है। इसीलिए इस पावन संयोग पर श्री मंदिर द्वारा हनुमान गढ़ी संकट मोचन पूजा और श्री नवग्रह शनि मंदिर में तिल तेल का अभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। इस अनुष्ठान में भाग लेकर जीवन में स्थिरता, समृद्धि और साहस प्राप्त किया जा सकता है।