😔 क्या लगातार मेहनत के बावजूद आपका व्यवसाय नहीं बढ़ रहा? महा नवमी की दिव्य शक्ति आपके कार्य में समृद्धि की नई दिशा प्रदान कर सकती है।
व्यवसाय चलाने वालों के लिए लगातार दबाव का सामना करना आम बात है। कभी बिक्री धीमी रहती है, कभी भुगतान अटक जाते हैं, और प्रतिस्पर्धा दिन-ब-दिन बढ़ती जाती है। आप पूरी मेहनत करते हैं, फिर भी सफलता दूर लगती है। आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, कई बार अदृश्य बाधाएं या नकारात्मक ऊर्जा विकास के मार्ग को अवरुद्ध कर देती हैं। महा नवमी का दिन ऐसा दिन है जब विजय और सफलता की ऊर्जा अपने चरम पर होती है। इसी दिन देवी महालक्ष्मी (धन की दात्री), भगवान गणेश (विघ्नहर्ता) और भगवान कुबेर (स्वर्ग के खजांची) की संयुक्त कृपा से इन बाधाओं को दूर कर व्यवसाय में वृद्धि का मार्ग खुलता है।
शास्त्रों के अनुसार, महा नवमी के दिन देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था, जो धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है। इस दिन की पूजा सभी कार्यों में विजय सुनिश्चित करती है। प्राचीन समय से ही राजा और व्यापारी इस दिन आयुध पूजा करते आए हैं, अपने कार्य उपकरणों की पूजा कर सफलता का आशीर्वाद मांगते हैं। आज के समय में किसी व्यापारी के लिए उसकी दुकान, कंपनी, लेखा-पुस्तकें और व्यापारिक साधन ही उसके उपकरण हैं।
इस विशेष अवसर पर किए गए अनुष्ठान में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप से आपके व्यवसाय के चारों ओर समृद्धि का एक शक्तिशाली कवच बनाया जाता है। वैभव लक्ष्मी पूजा के माध्यम से स्थिर और बढ़ती हुई संपन्नता का आमंत्रण किया जाता है। कुबेर-गणेश व्यापार वृद्धि पूजा विशेष रूप से व्यापारिक बाधाओं को दूर करने, नए ग्राहकों और अवसरों को आकर्षित करने के लिए की जाती है। महा नवमी के इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान विष्णु (पेरुमल) को समर्पित पवित्र मंदिरों में इन सभी अनुष्ठानों का एक साथ संपादन करने से दिव्य आशीर्वाद कई गुना बढ़ जाता है, जिससे व्यवसाय नई ऊँचाइयों तक पहुँचता है और स्थिर आय का मार्ग प्रशस्त होता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से यह विशेष पूजा आपके व्यवसाय में धन, सफलता और निरंतर विकास के दिव्य आशीर्वाद लाती है।