🕉️ महाअष्टमी पर महाकाली तंत्रोक्त हवन
हिंदू धर्म में नवरात्रि अष्टमी पर महाकाली तंत्रोक्त हवन का बड़ा महत्व है। अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के उग्र रूप की आराधना करने से नकारात्मक शक्तियों, भय और शत्रु बाधाओं का नाश हो सकता है। तंत्रोक्त विधि से विद्वान पुरोहितों द्वारा किए गए इस हवन में विशेष मंत्रों और आहुतियों द्वारा मां महाकाली का आह्वान किया जाता है। माना जाता है कि इस अनुष्ठान से भक्तों को साहस, आत्मविश्वास और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। अष्टमी पर महाकाली की पूजा से मानसिक-शारीरिक मजबूती मिलती है, जिससे जीवन में सभी प्रकार के अनचाहे संकट शांत होकर सफलता और समृद्धि में बदल सकते हैं।
🕉️ मां काली पूजा-कवच पाठ:
नवरात्रि की महाअष्टमी तिथि पर मां काली का कवच पाठ अत्यंत शक्तिशाली और मंगलकारी माना जाता है। यह पाठ भक्तों को देवी काली की दिव्य शक्ति का संरक्षण दे सकता है। साथ ही सभी दिशाओं से आने वाले भय, शत्रुता तथा नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा का आशीर्वाद मिलता है। महाअष्टमी के दिन श्रद्धापूर्वक मां काली कवच का पाठ करने से जीवन में साहस, आत्मबल और सही निर्णय लेने की दिशा मिलती है। यह अनुष्ठान जीवन की बाधाओं को दूर कर सफलता, परिवार की रक्षा और आध्यात्मिक उन्नति के नए रास्ते खोलने की शक्ति रखता है।
🕉️ इस महाअष्टमी पर तंत्रोक्त हवन के साथ मां काली पूजा और कवच पाठ का आयोजन शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर, कोलकाता में हो रहा है, जो भारत के सबसे प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है। यह हुगली नदी (आदि गंगा) के तट पर स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा दुर्लभ है, जिसमें लंबी जीभ, 3 बड़ी आंखें और 4 भुजाएं हैं। यह मंदिर तंत्र साधना का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां के नवरात्रि अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
🪔 श्री मंदिर द्वारा इस महाअष्टमी मां काली के दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और बुरी ऊर्जाओं से निपटने के लिए अटूट साहस का आशीर्वाद पाएं।