मंगलवार भगवान हनुमान का दिन माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमान जी का खास संबंध मंगल ग्रह से है। इसलिए मंगलवार को उनकी पूजा करने से शक्ति और सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। इस बार यह दिन और भी खास है, क्योंकि मंगलवार को ही नवरात्रि की अष्टमी यानी दुर्गाष्टमी का शुभ योग बन रहा है। नवरात्रि के नौ दिन वह समय होते हैं जब देवी की ऊर्जा पृथ्वी पर सबसे करीब मानी जाती है। ऐसे में इस दिन हनुमान जी की पूजा करना उनके सहारे और कृपा को पाने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका माना गया है। इससे जीवन की कठिनाइयों में शक्ति और सुरक्षा दोनों मिलती हैं।
इसीलिए इस पावन संयोग के अवसर पर श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस मंदिर की महिमा रामायण काल से जुड़ी मानी जाती है। मान्यता है कि लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को यहां निवास करने का स्थान दिया था। कहा जाता है कि आज भी इस मंदिर में वीर हनुमान भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं और उनके दुख दूर करते हैं। इसी कारण इस पवित्र स्थल पर हनुमान जी को समर्पित यह विशेष पूजा की जाएगी।
क्यों हनुमान जी को प्रिय है सिंदूर?🙏
कथा के अनुसार, एक बार हनुमान जी ने माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर लगाते देखा। जब उन्होंने कारण पूछा तो माता ने बताया कि वह भगवान राम की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए ऐसा करती हैं। यह सुनकर हनुमान जी इतने भावुक हुए कि उन्होंने पूरा शरीर सिंदूर से ढक लिया, ताकि भगवान राम और प्रसन्न हों। राम जी उनकी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और तभी से हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। इसी के साथ जब सुंदरकांड पाठ किया जाता है तो यह पूजा और भी फलदायी हो जाती है। सुंदरकांड में हनुमान जी की भक्ति, पराक्रम और सीता जी की खोज का वर्णन है। इसका पाठ करने से जीवन से भय और बाधाएं दूर होती हैं और साधक को आत्मविश्वास और शक्ति मिलती है।
श्री मंदिर के माध्यम से आयोजित इस पावन अनुष्ठान में सम्मिलित हों और हनुमान जी से शक्ति, सुरक्षा और सही मार्गदर्शन का आशीर्वाद प्राप्त करें।