✨ जगनन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा: भाई-बहनों के असीम प्रेम और शक्ति को महसूस करें!
हिंदू धर्म में रक्षा बंधन का पावन त्योहार भावनाओं और संबंधों की मिसाल माना गया है। यह दिन भाई-बहनों के प्रेम बंधन को दर्शाता है। कोई भी त्योहार बिना ईश्वर की आराधना के अधूरा है, फिर चाहे वह रक्षा बंधन ही क्यों न हो। उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा - त्रिमूर्ति का विशेष महत्व है, जिनका आपस में भाई-बहन का रिश्ता है। इस रक्षा बंधन घर बैठे संकल्प पूजन और संकट मोचन यज्ञ का अवसर है, जो आपके परिवार में सुरक्षा का आशीर्वाद ला सकता है।
पुरी का जगन्नाथ मंदिर देशभर में रथ यात्रा और दिव्य रसोई के लिए प्रसिद्ध है, जिसके लिए माना जाता है कि यहां तैयार होने वाला भोजन कभी कम नहीं पड़ता। भगवान जगन्नाथ यहां श्री विष्णु का स्वरूप हैं, जिनकी आराधना मात्र से जीवन में समृद्धि और खुशहाली आनी शुरू हो जाती है। सावन के आखिरी दिन यानी पूर्णिमा और रक्षा बंधन का दिव्य संयोग त्रिमूर्ति की पूजा को और ज्यादा ख़ास और फलदायी बना देता है।
🛕पुराणों के अनुसार, जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा भाई-बहन हैं, जिनसे जुड़ी कथा बेहद चर्चित है। एक बार बहन सुभद्रा ने श्री जगन्नाथ जी से नगर देखने की इच्छा जताई. इसे पूरा करने के लिए भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा को रथ पर बैठाकर निकल पड़े. नगर भ्रमण के दौरान वे तीनों अपनी मौसी गुंडिचा देवी के घर भी गए. तभी से जगन्नाथ रथ यात्रा की परंपरा शुरू हुई। माना जाता है कि जगन्नाथ जी अपनी मौसी से बहुत प्रेम करते हैं। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर जाकर एक से बढ़कर एक पकवान और आतिथ्य का आनंद लेते हैं.
🌟 इस संकल्प पूजन और संकट मोचन यज्ञ को विशिष्ट क्यों माना गया है?
इस विशेष अनुष्ठान में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और श्री जगन्नाथ का सामूहिक आह्वान किया जाता है। तीनों शक्तियों की संयुक्त उपस्थिति घर के वातावरण को शुद्ध, सकारात्मक और सुरक्षित बनाती है।
भगवान बलभद्र शक्ति, अनुशासन और पारिवारिक संरचना के रक्षक हैं।
देवी सुभद्रा करुणा, मातृत्व और भावनात्मक शांति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
भगवान जगन्नाथ कृपा, दैवीय मार्गदर्शन और मोक्ष की दिशा मजबूत करते हैं।
मान्यता है कि इस संकल्प पूजन के साथ संकट मोचन यज्ञ से घर का माहौल शांत और सकारात्मक बनता है, विघ्न-बाधाएं दूर भागती हैं। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पावन पूजा में भाग लें और त्रिशक्ति की कृपा से इस रक्षा बंधन परिवार को सकारात्मकता, सुरक्षा और खुशहाली की ओर ले जाएं।