🙏क्या मांगलिक दोष आपके रिश्तों में रुकावट बन रहा है? सावन के अंतिम मंगलवार को इस विशेष पूजा में भाग लेकर प्रेम, संतुलन और शांति की प्राप्ति के लिए मंगल देव और शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
वैदिक ज्योतिष में, मांगलिक दोष एक अशुभ स्थिति मानी जाती है जो तब उत्पन्न होती है जब मंगल किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के विशेष भावों में स्थित होता है। ऐसा माना जाता है कि यह दोष वैवाहिक जीवन में बाधाएँ लाता है, जैसे विवाह में देरी, बार-बार मतभेद, या जीवनसाथी के बीच भावनात्मक दूरी। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है और विवाह अनुकूलता का आकलन करते समय इसे अक्सर गंभीरता से लिया जाता है। शास्त्रों में मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा और श्री मंगलनाथ महाभिषेक को शुभ माना गया है। ये पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है जो विवाह में देरी या रिश्तों में तनाव का सामना कर रहे हैं।
वहीं मंगलवार का दिन मंगल देव से जुड़ा है। जब यह दिन सावन माह में आता है, जो शिव जी को समर्पित है, तब यह योग और भी शक्तिशाली माना जाता है। मंगल और भगवान शिव जी के बीच आध्यात्मिक संबंध भी माना गया है। मत्स्य पुराण के अनुसार, अंधकासुर नामक राक्षस से युद्ध के दौरान शिव जी के पसीने की एक बूंद धरती पर गिरी, जिससे मंगल ग्रह की उत्पत्ति हुई। वह स्थान उज्जैन में स्थित है, जहाँ पर बाद में शिवलिंग की स्थापना की गई और उसे 'मंगलनाथ महादेव' कहा गया।
इसी कारण यह पूजा सावन के अंतिम मंगलवार को श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर, उज्जैन में आयोजित की जा रही है। श्री मंदिर के माध्यम से पूजा में भाग लेकर मंगल देव और भगवान शिव से विवाह में हो रही देरी, बार-बार मतभेद, या जीवनसाथी के बीच भावनात्मक दूरी से राहत पाने के लिए प्रार्थना करें।