✨💰 जीवन में धन के आशीर्वाद के लिए महानवमी के पावन दिन जुड़ें माँ महालक्ष्मी विशेष अनुष्ठान से 🙏🌸
सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत खास महत्व है, क्योंकि इस पावन पर्व पर माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का हर दिन माँ की भक्ति के लिए समर्पित होता है, लेकिन महानवमी का दिन सबसे शुभ और फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन माँ दुर्गा और माँ लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त हो सकती है। हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिन पर माँ लक्ष्मी की कृपा होती है, उनके जीवन में कभी धन की कमी या आर्थिक परेशानी नहीं रहती। नवरात्रि की महानवमी पर भक्त माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं।
इनमें से एक है माँ लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप, यह मंत्र उनकी दिव्य शक्ति का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस जाप से आर्थिक संकट दूर होते हैं, जीवन की कठिनाइयाँ घटती हैं और दुखों का नाश हो सकता है। इसी तरह श्री दक्षिणा लक्ष्मी स्तोत्रम भी माँ लक्ष्मी को समर्पित एक श्रेष्ठ स्तोत्र है। शास्त्रों में माँ लक्ष्मी को "चंचला" कहा गया है, जिसका अर्थ है कि वे एक स्थान पर स्थायी रूप से नहीं रहतीं। इस स्तोत्र में माँ लक्ष्मी के 12 नामों का वर्णन है और इसके पाठ से भक्त अपने घर में माँ के स्थायी निवास का आशीर्वाद माँगते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस पाठ से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन, सुख और वैभव से भर देती हैं। विशेष रूप से महानवमी पर तिरुनेलवेली के एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर में माँ लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में स्थायी समृद्धि मिल सकती है और आर्थिक परेशानियाँ दूर हो सकती हैं। इसीलिए नवरात्रि की इस महानवमी पर एट्टेलुथुपेरुमल मंदिर, तिरुनेलवेली में 1,00,008 माँ लक्ष्मी बीज मंत्र जाप और श्री दक्षिणा लक्ष्मी स्तोत्र का भव्य आयोजन किया जाएगा।
श्री मंदिर के माध्यम से इस महापूजन में सम्मिलित होकर माँ लक्ष्मी का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।🙏