🚩 मां बगलामुखी और श्री नारायण की आराधना: कानूनी विवादों में जीत का आशीर्वाद 🚩
कई बार जीवन में धन और समृद्धि भरपूर मात्रा में होती है लेकिन कोर्ट-कचहरी के विवाद धीरे-धीरे घर और इंसान को खोखला कर देते हैं। जितना भी धन और यश इंसान कमाता है, वह कानूनी मामलों में खर्च हो जाता है। यदि आप भी जीवन में इस तरह के झंझटों से घिरे हैं तो समय आ गया है कि मां बगलामुखी और विष्णु जी की संयुक्त आराधना से राहत की दिशा तय हो। गुरुवार का दिन ऐसे अनुष्ठानों का फल कई गुना बढ़ाने की शक्ति रखता है, इसलिए यह अवसर हाथ से न जाने दें! गुरुवार भगवान विष्णु जी यानी नारायण को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और मां बगलामुखी की संयुक्त आराधना जीवन में शत्रुओं से निपटने का साहस दे सकती है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में 8वीं महाविद्या हैं। भक्त इन्हें मां पीताम्बरा नाम से भी पूजते हैं।
🚩 मां बगलामुखी और भगवान विष्णु से जुड़ी इस पौराणिक कथा में छिपा है अनुष्ठान का महत्व 🚩
पुराणों में वर्णित कथानुसार सतयुग में महाविनाश की तबाही वाला वाला ब्रह्मांडीय तूफान आया, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने की संभावना थी। इससे चारों तरफ हाहाकार मच गया और संसार की रक्षा करना असंभव सा दिखने लगा। इसे देख भगवान विष्णु चिंतित हो गए और कोई हल न नज़र आता देख भगवान शिव जी का स्मरण करने लगे। तब भगवान शिव ने कहा कि देवी शक्ति के अलावा इस विनाश को कोई नहीं रोक सकता। तब भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के निकट कठोर तप किया। उनकी साधना से शक्ति स्वरूपा, दुश्मनों पर विजय दिलाने वालीं मां बगलामुखी के रूप में प्रकट हुईं।
🚩 नारायण सुदर्शन कवचम् यज्ञ की चमत्कारिक महिमा 🚩
विरोधियों पर विजय, अदालती मामलों में जीत और जटिल विवादों से राहत के लिए भक्त मां बगलामुखी से साहस और आध्यात्मिक शक्ति का आशीर्वाद पाते हैं। जब मां का यह अनुष्ठान ‘सुदर्शन कवचम यज्ञ’ के साथ जुड़ता है तो परिणाम और भी प्रभावी माने जाते हैं। सुदर्शन चक्र, भगवान विष्णु का दिव्य अस्त्र है। ऐसा कहा जाता है कि यह सभी बुराइयों का नाश करता है और लक्ष्य को पूरा करने के बाद ही लौटता है। यह यज्ञ जीवन में समस्याओं का ‘मायाजाल’ तोड़ सकता है और भक्तों को सफलता की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
श्री मंदिर के माध्यम से इस गुरुवार पूजा में भाग लें और कानूनी विवादों से बाहर निकलने और जीत की दिशा तय करने का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।