अक्षय नवमी सनातन धर्म में अमरता, स्थायी समृद्धि और अच्छे कर्मों का प्रतीक मानी जाती है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे किए हुए नेक कर्म, दान और साधना का प्रभाव केवल आज नहीं बल्कि आने वाले समय में भी हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। बहुत बार हम मेहनत तो करते हैं, लेकिन जीवन में रुकावटें आती रहती हैं। ऐसे में अक्षय नवमी का दिन हमें उम्मीद और विश्वास देता है कि सही समय पर हमारे प्रयासों का फल अवश्य मिलेगा। इस वर्ष अक्षय नवमी शुक्रवार के दिन पड़ रही है, जो इसे और भी खास बनाता है। शुक्रवार का दिन देवी साधना और विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
यह दिन न केवल आर्थिक स्थिरता के लिए बल्कि हमारे जीवन में मानसिक शांति, संतुलन और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई बार जीवन की उलझनों और तनावों के बीच हम थकान, चिंता और असमंजस महसूस करते हैं। ऐसे समय में माता लक्ष्मी की साधना हमें न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक राहत भी देती है। इस विशेष दिन पर शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर में श्री सूक्त हवन और महालक्ष्मी सहस्रनाम अर्चना का आयोजन किया जा रहा है। इन अनुष्ठानों में मंत्रों का उच्चारण और अग्नि अर्पण करने से भक्तों को दिव्य ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं महालक्ष्मी सहस्रनाम अर्चना में माता लक्ष्मी के सहस्र नामों का उच्चारण जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मिक शांति और आर्थिक स्थिरता बढ़ाने में मदद करता है। भक्त इन अनुष्ठानों के माध्यम से अपने मन और घर में संतुलन, भरोसा और उम्मीद का अनुभव कर सकते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेकर आप माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और संतुलन का अनुभव कर सकते हैं।