क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि अचानक मन भारी हो जाए, डर लगे या आसपास का माहौल अजीब रूप से नकारात्मक लगे, जबकि कारण समझ में न आए? ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर यह पूजा की जाती है। इस यज्ञ में भक्त बटुक भैरव की कृपा का स्मरण करते हैं और उनसे यह आग्रह करते हैं कि जीवन में उपस्थित नकारात्मक प्रभावों को समझने और मानसिक रूप से मजबूत रहने में सहारा मिले। बटुक भैरव, जिन्हें भगवान शिव का उग्र बाल-स्वरूप माना जाता है, साधकों को साहस और स्थिरता का अनुभव कराने वाले देवता माने जाते हैं। यज्ञ में की जाने वाली विशेष विधियाँ और आहुतियाँ मन की शांति, ऊर्जा-संतुलन और नकारात्मकता से राहत की भावना उत्पन्न करने के उद्देश्य से होती हैं।
💫 नज़र दोष शांति यज्ञ एक ऐसा तांत्रिक अनुष्ठान है, जो विशेष रूप से नज़र दोष और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को शांत करने के लिए किया जाता है। इस यज्ञ में बटुक भैरव की साधना के माध्यम से यह भाव रखा जाता है कि नज़र या नकारात्मक शक्तियों से जुड़ी असुविधाएँ कम हों और मानसिक स्पष्टता बढ़े। मंत्र-जप और अग्नि-आहुतियों के माध्यम से साधक अपने भीतर एक संतुलित अवस्था स्थापित करने का प्रयास करते हैं। मान्यता यह भी है कि इस प्रक्रिया के बाद हल्कापन, स्थिरता एवं मानसिक शांति का अनुभव प्राप्त हो सकता है।
🌿 इस बार यह पूजा काशी स्थित श्री बटुक भैरव मंदिर में सम्पन्न की जा रही है, जहाँ नज़र दोष से संबंधित विशेष कर्मकांड प्राचीन काल से किए जाते रहे हैं। इस मंदिर में पंडितगण यज्ञ के दौरान भैरव जी के समक्ष साधकों की शांति, ऊर्जा-संतुलन और मानसिक स्थिरता के लिए प्रार्थना करते हैं। यहाँ किए जाने वाले अनुष्ठान साधकों को नज़र दोष, भय, ऊर्जात्मक रुकावटों और मानसिक असहजता से संबंधित परिस्थितियों को समझने और संभालने में मदद देने के उद्देश्य से होते हैं।
🔱 श्री मंदिर के माध्यम से इस यज्ञ में जुड़कर साधक बटुक भैरव की उपस्थिति का स्मरण करते हैं और नकारात्मक शक्तियों, बुरी नज़र और शत्रुता जैसे प्रभावों से निपटने के लिए मन में शक्ति और स्पष्टता विकसित करने का संकल्प रखते हैं।