🙏 जीवन में सच्ची खुशी, शांति और समृद्धि केवल धन से नहीं, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन से आती है। जब शरीर, मन और आत्मा तीनों सामंजस्य में होते हैं, तब हम अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर पाते हैं। लेकिन कई बार जीवन में आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ या लगातार आने वाली रुकावटें हमारे पिछले कर्मों, ग्रहों के दोष या ऊर्जा असंतुलन के कारण उत्पन्न होती हैं। ऐसे समय में भगवान विष्णु और भगवान धन्वंतरि की पूजा को जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने वाला एक दिव्य उपाय माना गया है।
🌸 सत्यनारायण कथा भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का सरल और अत्यंत प्रभावशाली मार्ग माना जाता है। ऐसा कहा गया है कि इस कथा को सुनने या करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक अवसर बढ़ते हैं, धन-संबंधी स्थिरता आती है और दीर्घकालिक समृद्धि का मार्ग खुलता है। यह कथा न केवल परिवार के सुख-शांति के लिए, बल्कि जीवन की दिशा को सकारात्मक बनाने के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
✨ विष्णु सहस्रनाम जाप में भगवान विष्णु के हजार पवित्र नामों का उच्चारण किया जाता है। इस जाप से मन शुद्ध होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में दिव्य कृपा का प्रवाह बढ़ता है। यह जाप आत्मा को संतुलित करता है और व्यक्ति को भीतर से मजबूत बनाता है, जिससे कठिन परिस्थितियों में भी शांति और आत्मविश्वास बना रहता है।
🔥 वहीं धन्वंतरि हवन में भगवान धन्वंतरि की विशेष आराधना की जाती है, जिन्हें स्वास्थ्य और आयु के देवता कहा गया है। इस हवन के दौरान पवित्र सामग्रियाँ अग्नि में अर्पित की जाती हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और मानसिक, शारीरिक तथा आध्यात्मिक संतुलन स्थापित होता है। ऐसा माना जाता है कि यह हवन बीमारियों से रक्षा, ऊर्जा संतुलन और दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करता है।
🌸 यह पवित्र अनुष्ठान श्री दीर्घ विष्णु मंदिर, मथुरा में आयोजित किया जा रहा है। वहीं पवित्र भूमि जो भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है, वहाँ की हर पूजा को विशेष फलदायी माना गया है। यहाँ होने वाले सत्यनारायण कथा, विष्णु सहस्रनाम जाप और धन्वंतरि हवन के माध्यम से भक्त अपने जीवन में भगवान विष्णु और भगवान धन्वंतरि की दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं। इन अनुष्ठानों से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र पूजा में सम्मिलित होकर स्वास्थ्य, धन और दिव्य कृपा से भरपूर बनाने का संकल्प लें। यह अनुष्ठान आपके जीवन में आध्यात्मिक संतुलन, शांति और सुख-समृद्धि का एक नया अध्याय आरंभ कर सकता है।