🚩 हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा!
श्री खाटू श्याम जी को कलियुग में महाभारत के महावीर बर्बरीक के रूप में जाना जाता है, जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। उन्हें पुराणों में ‘हारे का सहारा’ भी कहा गया है। यदि आप जीवन में तरह-तरह के व्यापार करके देख चुके हैं, जमा पूंजी खत्म हो चुकी है लेकिन तरक्की दूर-दूर तक नहीं दिख रही तो यह आराधना एक अवसर की तरह है। हरियाणा के चुलकाना धाम में 11 हजार खाटू श्याम ध्यान मंत्र जाप, खाटू श्याम अष्टक और आरती के माध्यम से आप बाबा खाटू की शरण में स्वयं को समर्पित कर सकते हैं। इस बार यह अनुष्ठान गुरुवार को हो रहा है, जो विष्णु जी का दिन है। भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने ही खाटू बाबा को अपना ‘श्याम’ नाम दिया था।
🚩 श्री खाटू श्याम की कथा के कुछ अंश:
बर्बरीक के पास 3 अमोघ बाण थे और उन्होंने यह संकल्प लिया था कि वे सदैव कमजोर पक्ष का साथ देंगे। उनके इस संकल्प को जानकर भगवान श्रीकृष्ण ने साधु का वेश धारण कर उनसे भेंट की। श्रीकृष्ण को ज्ञात हुआ कि यदि बर्बरीक युद्ध में शामिल हुए तो धर्म की रक्षा कठिन हो जाएगी, इसलिए धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण ने उनसे शीश दान मांगा, जिसे बर्बरीक ने हंसते हुए स्वीकार कर लिया और अपना शीश अर्पित कर दिया। इस अद्भुत बलिदान से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि कलियुग में वे उनके ही नाम यानी ‘श्याम’ नाम से पूजे जाएंगे।
🌙 11 हजार खाटू श्याम ध्यान मंत्र और खाटू श्याम अष्टक :
खाटू श्याम अष्टक एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें भगवान खाटू जी की महिमा और शक्ति का वर्णन है। इस अष्टक का पाठ करने से जीवन को सही दिशा मिलती है। जो भक्त अपने लक्ष्य से भटक गए हैं, धन लंबे समय से रुका है और परिवार-कारोबार में संकट के बादल छाए हैं। उन्हें 11 हजार खाटू श्याम ध्यान मंत्र और खाटू श्याम अष्टक पाठ सही रास्ता दिखा सकता है। खाटू श्याम जी के भक्तों में एक बड़ा हिस्सा मारवाड़ी और व्यापारी समुदाय से है, जिनका मानना है कि खाटू श्याम बाबा जीवन में हारे हुए इंसान का एकमात्र सहारा बनते हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और बाबा श्याम के आशीर्वाद से व्यापार, नौकरी और जीवन में समृद्धि और सुरक्षा का अनुभव करें।