🌌 2025 को वैदिक ज्योतिष में मंगल का वर्ष माना गया था। कई ज्योतिषियों का यह भी मानना था कि इस साल कई बड़ी घटनाएं और अशुभ संकेत देखने को मिल सकते हैं, और कई जगहों पर यह अनुमान सच भी साबित हुए। इस साल हुई कुछ दुर्घटनाओं और हादसों ने कहीं न कहीं यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या वास्तव में मंगल ग्रह का प्रभाव इतना गहरा और विकराल हो सकता है।
🕰️अब जब साल लगभग पूरा हो चुका है और दिसंबर के दिन आ चुके हैं, तो यह समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। मान्यता है कि साल के अंत में मंगल ग्रह का प्रभाव और तीव्र हो सकता है। इस दौरान पुराने रुके हुए काम, विवाह में देरी, रिश्तों में अड़चनें और जीवन की छोटी-बड़ी परेशानियाँ पहले से अधिक स्पष्ट रूप से सामने आ सकती हैं। ऐसे समय में विशेष पूजा-अनुष्ठान जातक के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
🔴हमारे सनातन धर्म में मंगल को ऊर्जा, साहस, शक्ति और वैवाहिक जीवन में तालमेल का ग्रह माना गया है। जब यह अशुभ स्थिति में होता है या मांगलिक दोष बन जाता है, तो जीवन में रुकावटें, परिवार में तनाव और विवाह में देरी के साथ-साथ, विवाह के बाद भी अड़चनें और विवाद बढ़ सकते हैं। कई बार सही प्रस्ताव आते हुए भी अंतिम समय में अटक जाते हैं, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से थका हुआ और असहाय महसूस कर सकता है।
🔥इन सभी प्रभावों से राहत की कामना के लिए, श्री मंदिर द्वारा 30 दिवसीय तीन लाख मंगल जाप और मांगलिक दोष निवारण पूजा का आयोजन किया जा रहा है। साल के इस सबसे बड़े अनुष्ठान में प्रतिदिन 10 हजार मंगल मंत्रों का जाप किया जाएगा। जिसका उद्देश्य मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को संतुलित कर जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करना है। यह अनुष्ठान उज्जैन स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में आयोजित किया जाएगा, जिसे मंगलदेव का जन्मस्थान माना जाता है। कहते हैं कि यह विश्व का एकमात्र मंदिर है, जहाँ विशेष रूप से मांगलिक दोष निवारण के लिए पूजा का आयोजन किया जाता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष स्थान पर आयोजित अनुष्ठान में भाग लेकर आप भी अपने जीवन में नई शुरुआत का अनुभव कर सकते हैं और वैवाहिक सुख से जुड़ी बाधाओं को कम करने की प्रार्थना कर सकते हैं।🙏