🔹शनि अमावस्या को पितृ शांति पूजा के लिए सबसे शक्तिशाली दिन क्यों माना जाता है? 🙏
नारद पुराण के अनुसार, अमावस्या को पितृ शांति पूजा और पवित्र स्नान और दान जैसे पवित्र कार्यों के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। 29 मार्च को अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है, जिससे यह शनि अमावस्या बन गई है। यह साल की पहली और सबसे बड़ी शनि अमावस्या है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने पितरों के लिए पूजा करना बेहद फलदायी होता है, क्योंकि यह दिन शनि देव को समर्पित है। उन्हें कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है - जो व्यक्तियों को उनके कर्मों के आधार पर पुरस्कृत और दंडित करते हैं। यदि आप इस दिन अपने पितरों के लिए पूजा करते हैं, तो वे न केवल आपको आशीर्वाद देते हैं, बल्कि आपके पितरों को भी शांति और उत्थान प्रदान करते हैं। यदि आप इस दिन अपने पितरों की शांति के लिए पूजा करते हैं, तो इससे उन्हें शांति मिलती है और परिवार से पितृ दोष के प्रभाव को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, यदि यह पूजा विश्व प्रसिद्ध पवित्र शहर हरिद्वार में की जाती है, तो यह अत्यंत शक्तिशाली हो जाती है। धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान का उल्लेख मिलता है और यहां के गंगा घाटों का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस स्थान पर पवित्र स्नान करने, पिंडदान करने और पूर्वजों के लिए अनुष्ठान करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु पक्षीराज गरुड़ को बताते हैं कि जो लोग अपने बुरे कर्मों के कारण अकाल मृत्यु या दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं का सामना करते हैं, उन्हें पिशाच योनि के कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसी आत्माओं की मुक्ति के लिए नारायण बलि और नाग बलि पूजा करवानी चाहिए क्योंकि यह दिवंगत आत्माओं को शांति और मुक्ति प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु आगे यह भी कहते हैं कि इस विशेष पूजा को गंगा जैसी पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाना चाहिए। हिंदु धर्म में अमावस्या सबसे महत्वपूर्ण तिथि में से एक है, परंतु इस दिन विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है लेकिन पवित्र गंगा नदी में स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा, पिंड दान, दान पुण्य, हवन करना एवं ब्राह्मणों को भोजन कराने जैसे धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है। वहीं चैत्र माह में पडने वाली अमावस्या का महत्व और भी अधिक बढ जाता है इसलिए अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए चैत्र अमावस्या पितृ दोष शांति गंगा घाट विशेष नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा में अवश्य भाग लें।