🔱 अमावस्या: इस रात्रि को शनिदेव को प्रसन्न करें, मां काली की शक्तियों का आह्वान करें और भैरव जी से सुरक्षा का आशीर्वाद लें 🔱
अमावस्या वह दिन होता है जब नकारात्मक ऊर्जाएं अपने चरम पर होती हैं और सुरक्षा और शक्ति प्राप्त करने के लिए उग्र देवताओं की पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है। इस वर्ष, कृष्ण पक्ष की विशेष अमावस्या 25 जून को बुधवार के दिन पड़ रही है, जो बेहद फलदायी है। ये तिथि भैरव, माँ काली और शनिदेव की उपासना के लिए एक अत्यंत शुभ अवसर है। इस तिथि पर साधना से आराधक को बाधाओं और दुर्भाग्य से मुक्ति और कामों में आ रही देरी से राहत का आशीर्वाद मिलेगा।
🔹शनि देव - कर्मों के न्यायाधीश ⚖️
न्याय और कर्म के देवता शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार, उन्हें फल प्रदान करते हैं। जब शनिदेव प्रसन्न होते हैं, तो वे अपार सफलता, स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करते हैं। अमावस्या के शुभ संयोग पर उनकी विधिपूर्वक आराधना करने से उनकी कठोर दृष्टि का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
🔹माँ काली - शनि के प्रभावों को बेअसर करने वाली दिव्य शक्ति⚔️
एक प्रचलित कथा में कहा गया है कि शनि देव ने स्वयं अपने भक्तों की पीड़ा को कम करने के लिए मां काली से कामना की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो लोग उनके सामने आत्मसमर्पण करते हैं, उन्हें कर्म न्याय का सम्मान करते हुए दिव्य सुरक्षा प्राप्त हो। इस प्रकार, शनि देव के साथ माँ काली की पूजा करने से कर्म को संतुलित करने में मदद मिलती है।
🔹भगवान भैरव इस शक्तिशाली त्रिमूर्ति को कैसे पूरा करते हैं? 🔱
माँ काली और शनि देव के साथ भगवान भैरव की उपस्थिति इस ‘त्रिवेणी शक्ति’ को पूर्ण बनाती है। पौराणिक मान्यता अनुसार, जब माँ काली ने रक्तबीज राक्षस का संहार किया, तब भगवान भैरव ने उनकी उग्र ऊर्जा को संतुलन प्रदान किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि भैरव की पूजा, शक्ति को नियंत्रित दिशा में प्रवाहित कर जीवन को सुरक्षा, स्थिरता और जाग्रति प्रदान करती है।
इस विशेष अमावस्या पर कोलकाता के शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में ‘शनि ग्रह शांति पूजन’ और ‘भैरव-काली रक्षा कवच महायज्ञ’ का आयोजन हो रहा है। यह पूजा न केवल ग्रह दोषों और कर्म बाधाओं से मुक्ति दिलाती है, बल्कि शक्ति, धैर्य और आत्मिक संरक्षण की ऊर्जा को भी जागृत करती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान के भागीदार बनें और जीवन में दुर्भाग्य और जरूरी कामों में आ रही रुकावटों पर विजय पाएं।