✨ सच्चे प्रयास और पवित्र नीयत के बावजूद, जीवन में चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं चाहे वह काम में अड़चनें हों, रिश्तों में तनाव हो, या घर में लगातार नकारात्मकता। ऐसे कठिन समय अक्सर इस बात का संकेत होते हैं कि हमारे जीवन में दिव्य सुरक्षा की कमी है। सच्ची शक्ति केवल शारीरिक नहीं होती, वह आती है भीतर की गहराई से आत्मिक बल से। यह दिव्य कवच प्रदान करती हैं माँ ब्रजेश्वरी, जो देवी दुर्गा का उग्र रूप हैं। उन्हें “वज्र की अधिष्ठात्री देवी” कहा जाता है। उनकी प्रचंड शक्ति अपने भक्तों पर नहीं, बल्कि उन अंधकारमय शक्तियों पर प्रहार करती है जो उनके भक्तों को हानि पहुँचाना चाहती हैं।
🌺 माँ ब्रजेश्वरी और तांत्रोक्त चंडी हवन का महत्व
कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में स्थित ब्रजेश्वरी देवी मंदिर एक पवित्र शक्तिपीठ है, जहाँ माता सती का बायाँ अंग (स्तन) गिरा था। यहाँ की भूमि में आदि शक्ति की ऊर्जा प्रवाहित होती है। कथा के अनुसार, जब राक्षस कालिकाल ने देवताओं को हराकर इन्द्र का वज्र तोड़ दिया, तब माँ पार्वती ने उसी टूटे वज्र से माँ दुर्गा का रूप लिया और राक्षस का अंत किया। उसी रूप में वे माँ ब्रजेश्वरी के नाम से पूजी जाती हैं, जो अपने भक्तों को हर संकट से बचाती हैं। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने भी अपने वनवास के समय सुरक्षा और आशीर्वाद के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था।
🔥 मंगलवार को किया जाने वाला तंत्रोक्त चंडी हवन माँ की उसी प्रचंड शक्ति से जुड़ता है जिसने कालिकाल का नाश किया था। इस हवन में रक्षा कवच पाठ किया जाता है, जिससे भक्त और उनके परिवार के चारों ओर एक आध्यात्मिक सुरक्षा घेरा बनता है। माँ को लाल चुनरी और वस्त्र अर्पित करने से उनकी सुरक्षात्मक शक्ति जागृत होती है। यह अनुष्ठान विद्वान पुजारियों द्वारा मंदिर परिसर में किया जाता है, जिससे भक्तों को साहस, मानसिक शांति और सुरक्षा की अनुभूति हो सकती है।
🙏 श्री मंदिर द्वारा आयोजित इस विशेष पूजा में भाग लेकर माँ का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें और जीवन में आंतरिक शक्ति, सफलता और संपूर्ण सुरक्षा का अनुभव करें।