🛕 एकादशी और आर्द्रा नक्षत्र के संयोग में राहु गुरु चांडाल दोष से राहत पाने का दुर्लभ अवसर
कुंडली में यदि गुरु राहु चांडाल दोष बढ़ जाए तो जीवन में मान-सम्मान घटने लगता है, तरह-तरह की बीमारियां घेर लेती हैं और वैवाहिक जीवन में परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इतना ही नहीं, घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली इस तरह गायब हो जाती है कि समाधान का कोई रास्ता नज़र नहीं आता। ऐसे में भाद्रपद महीने की एकादशी आर्द्रा नक्षत्र का योग लेकर आई है, जिसमें राहु और गुरु चांडाल दोष से राहत मिल सकती है। ये ऐसा दोष है, जिसमें सामान्य पूजा से बचाव बेहद मुश्किल है, क्योंकि ज्योतिषीय चाल-चक्र का उपचार कई बार तंत्र-अनुष्ठान ही कर सकते हैं, जो दिव्य काल में विद्वानों द्वारा संपन्न कराए जाते हैं।
🛕 गुरु चांडाल दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो गुरु और राहु की युति या दृष्टि से बनता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं और चुनौतियां पैदा कर देता है। इस एकादशी को आर्द्रा नक्षत्र में यह अनुष्ठान किया जाएगा। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहु है, जो यदि बुरे असर देने पर अड़ जाए तो कामों में रुकावट, रिश्तों में कड़वाहट और व्यापार-नौकरी में ठहराव बढ़ता चला जाता है। एक समय ऐसा आ जाता है कि इंसान थक-हारकर यही मान लेता है कि उसकी किस्मत में सिर्फ दुख लिखे हैं।
🛕 ऐसी परिस्थितियों से राहत के लिए ‘महादेव की नगरी’ काशी में गुरु बृहस्पति मंदिर में गुरु और
राहु के बुरे दोषों को नष्ट करने के लिए गुरु चांडाल दोष निवारण विशेष पूजा होने जा रही है। मान्यता है कि शिव जी ने स्वयं गुरु बृहस्पति को काशी में स्थान दिया था और यह मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ही है. महादेव की काशी को शास्त्रों में मोक्ष और पुण्यों की नगरी माना गया है, जहां सालों पुराने कर्म बंधन और ग्रह दोष थर्र-थर्र कांपते हैं। यहां गंगा की अविरल धारा, महादेव का सृष्टि संतुलन और देव गुरु का आशीष भक्तों को खुशहाली, समृद्धि और कल्याण की दिशा दिखा सकता है।
🛕 जीवन में धन लाभ, भौतिक समृद्धि का कारक राहु इस आराधना में किए जाने वाले हवन से प्रसन्न हो सकता है, जो जीवन को आसान करने वाला छाया ग्रह माना जाता है। वहीं बृहस्पति ग्रह यदि कुंडली में सही चाल चले तो रिश्तों में मधुरता, धन लाभ और मान-सम्मान के दरवाजे अपने आप खुलने लगते हैं। इन ग्रहों की उल्टी चाल से राहत पाने का यह दुर्लभ अवसर है, जिसमें काशी के सिद्ध मंदिर में आपके नाम से आराधना की जाएगी, जिसमें आपके परिवार के लिए समृद्धि और भौतिक कल्याण की कामना शामिल होगी।
श्री मंदिर के माध्यम से बृहस्पति-राहु युति दोष निवारण पूजा में भाग लें और स्थायी समृद्धि की दिशा में नया कदम बढ़ाएँ।