🪔 छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है, जो असीम दिव्यता और शक्ति का समय माना गया है। यह 4 दिवसीय पर्व भगवान सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है। सूर्य देव जीवन और ऊर्जा के प्रतीक हैं, वहीं छठी मइया को संतान की रक्षा, शक्ति और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। इस पर्व पर करोड़ों श्रद्धालु पूरे मन से उपवास रखते हैं और सूर्य देव-छठी मैया की संयुक्त पूजा विधि-विधान से करते हैं, ताकि परिवार के स्वास्थ्य, समृद्धि और जीवन की कठिनाइयों से राहत का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए श्री मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष 51 आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ एवं गंगा आरती का आयोजन कर रहा है। जो भक्त समय की कमी या किसी व्यस्तता के चलते छठ का पर्व घर पर नहीं मना पा रहे हैं, वे इस विशेष छठ-सूर्य अनुष्ठान में भाग ले सकते हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि जीवन की रुकावटें और दुर्बलता अक्सर ‘तेज’ की कमी से होती हैं। छठ का यह शुभ समय वही अवसर है, जब भगवान सूर्य और छठी मैया की ऊर्जा सबसे प्रबल मानी गई है। इस दिन आराधना करने से व्यक्ति का आंतरिक तेज जागृत होता है, जीवन में शक्ति, उत्साह और विजय की भावना लौट सकती है।
पुराणों में एक प्रसिद्ध कथा है, जब भगवान श्री राम रावण से युद्ध के दौरान थकान और चिंता से ग्रस्त हुए, तब महर्षि अगस्त्य ने उन्हें ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का उपदेश दिया — यह स्तोत्र सूर्य देव की स्तुति में रचा गया था। श्रीराम ने इसे श्रद्धा से जपा और उन्हें नई शक्ति, आत्मविश्वास और तेज का अनुभव हुआ। सूर्य देव के आशीर्वाद से उन्होंने लंका पर विजय प्राप्त की। इसी दिव्य ऊर्जा से जुड़ने के लिए श्रीमंदिर के माध्यम से विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन प्राचीन गलता जी सूर्य मंदिर में 51 बार ‘आदित्य हृदय स्तोत्र’ का पाठ किया जाएगा। साथ ही काशी के पवित्र असी घाट पर आपके नाम से विशेष गंगा आरती होगी, जिससे नकारात्मकता का शुद्धिकरण संभव है और माँ गंगा के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि के नए रास्ते बन सकते हैं।
🌞🙏 यह विशेष छठ पूजा सूर्य देव की कृपा से आपके जीवन में स्वास्थ्य, विजय और सफलता का प्रकाश लाने की शक्ति रखती है। श्रीमंदिर के माध्यम से इस दिव्य अवसर का हिस्सा बनें और छठ पर्व की आध्यात्मिक ऊर्जा से अपने जीवन को जोड़ें।