🙏 सनातन धर्म में कुछ दिन ऐसे होते हैं जो भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं। सोमवार का दिन विशेष रूप से शुभ होता है, जब भक्त उपवास रखते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं ताकि शिव कृपा प्राप्त हो सके। आने वाला यह सोमवार स्कंद षष्ठी के साथ पड़ रहा है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है और यह दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। जब ऐसा दिव्य दिन भगवान शिव की उपासना के साथ जुड़ता है, तब यह शरीर, मन और कर्म की शुद्धि के लिए अत्यंत शक्तिशाली अवसर बन जाता है।
इस शुभ दिन पर त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग और उज्जैन के क्षिप्रा घाट पर रुद्राभिषेक और कालसर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जाएगा। ये दोनों ही स्थल अपनी उच्च आध्यात्मिक ऊर्जा और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन स्थलों पर पूजा करने से कर्म संबंधी बाधाएं शांत होती हैं और मन को गहरी शांति प्राप्त होती है।
🕉️ काल सर्प दोष को समझें: भाग्य पर छाया का असर
काल सर्प दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह एक ऐसी ज्योतिषीय स्थिति है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएँ, अस्थिरता, डर और मानसिक अशांति ला सकती है।
ऐसे लोग बार-बार असफलताओं, देरी और बिना कारण की रुकावटों का सामना करते हैं। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, राहु और केतु भगवान शिव के परम भक्त हैं। इस कारण से, सावन सोमवार जैसे पवित्र समय में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से प्रभावशाली मानी जाती है। स्कंद षष्ठी जैसे शुभ दिन पर रुद्राभिषेक और कालसर्प दोष निवारण पूजा करने से यह दोष शांत होता है और जीवन में संतुलन लौट आता है।
🕉️ पवित्र स्थलों पर पवित्र पूजा: शिव की कृपा से जीवन में संतुलन
रुद्राभिषेक और काल सर्प शांति पूजा की संयुक्त शक्ति ग्रह दोषों और कर्म बाधाओं से राहत दिलाने में मदद करती है। यह पूजा मन की शांति, भावनात्मक स्पष्टता और जीवन की दिशा में नया दृष्टिकोण देती है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग जहाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक साथ विराजते हैं वहाँ यह अनुष्ठान अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। इसी तरह, उज्जैन के शिप्रा घाट, जो तन्त्र युक्त और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, वहाँ की गई पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इस सोमवार पर, भक्तों को भगवान शिव की कृपा पाने, ग्रहों के प्रभाव को शांत करने और आध्यात्मिक व सांसारिक समृद्धि प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर मिलता है।
श्री मंदिर के माध्यम से, इस पवित्र पूजा में भाग लें और में भगवान शिव की दिव्य कृपा का अनुभव करें। इस नक्षत्र-विशिष्ट अनुष्ठान की शक्ति से काल सर्प दोष से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।