जब हम नेतृत्व या जिम्मेदारी से जुड़ी भूमिका में होते हैं, तो अक्सर रास्ता आसान नहीं होता। काम का दबाव, मान-सम्मान की कमी या अचानक आने वाली रुकावटें हमारे मन को थका देती हैं। शास्त्रों के अनुसार, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव जीवन में भ्रम, देरी और अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। ऐसे समय में सूर्य देव की उपासना अत्यंत शुभ मानी जाती है। वे जीवन में स्पष्टता, आत्मबल और सफलता प्रदान करते हैं।
इस विशेष पूजा में 51 बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाता है, जिससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। यह वही स्तोत्र है जिसे महर्षि अगस्त्य ने श्रीराम को युद्ध के समय बताया था। उन्होंने बताया कि सूर्य देव की स्तुति करने से साहस, शक्ति और विजय प्राप्त होती है। भगवान श्रीराम ने इस स्तोत्र का पाठ कर रावण पर विजय प्राप्त की थी। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र के 51 पाठ से जीवन में सफलता और आत्मविश्वास का मार्ग खुलता है।
इसके साथ ही राहु-केतु शांति पूजा की जाती है ताकि ग्रहों के अशुभ प्रभाव शांत हों। यह पूजा विशेष सामग्री जैसे तिल, कुशा, और घी से की जाती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और करियर में स्थिरता आती है। सूर्य देव की कृपा और राहु-केतु की शांति मिलकर व्यक्ति को सफलता, नेतृत्व और सम्मान के मार्ग पर अग्रसर करती है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से की जाने वाली यह विशेष पूजा सूर्य देव की कृपा से आपके जीवन में नेतृत्व, सफलता और प्रगति का आशीर्वाद लाती है।