भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक और विघ्नों के नाशक देवता कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि जहां गणपति की आराधना सच्चे मन से की जाती है, वहाँ बाधाएँ स्वयं दूर हो जाती हैं और जीवन में स्थिरता का संचार होने लगता है। धन से जुड़ी अस्थिरता, कर्ज़ का बोझ या निर्णयों में उलझन ये सभी समस्याएँ तब कम होने लगती हैं जब व्यक्ति श्री गणेश की शरण लेता है। यदि आप लंबे समय से आर्थिक देरी, मानसिक तनाव या पैसों की अस्थिरता का अनुभव कर रहे हैं, तो यह समय गणपति की कृपा से अपने जीवन में संतुलन और शांति लाने का उत्तम अवसर है।
शास्त्रों में कहा गया है कि बुधवार के दिन ‘ऋणनाशक गणेश स्तोत्र’ का पाठ करने से व्यक्ति धीरे-धीरे कर्ज़ से राहत की ओर बढ़ता है और उसकी आर्थिक ऊर्जा सकारात्मक दिशा में प्रवाहित होती है। यह स्तोत्र न केवल वित्तीय बाधाओं को दूर करता है, बल्कि जीवन में नई संभावनाओं और सौभाग्य के द्वार भी खोल सकता है।
🌿आखिर क्यों बुधवार को गणेश पूजा के लिए माना जाता है महत्वपूर्ण?
हिंदू परंपरा में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। यह दिन बुध ग्रह की ऊर्जा से जुड़ा है, जो बुद्धि, संवाद और आर्थिक स्थिरता का कारक है। ऐसा कहा जाता है कि जब माँ पार्वती ने गणेश जी की रचना की थी, तब बुधदेव उनके तेज से प्रभावित होकर बुधवार को गणेश जी के नाम कर दिया। इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन में विवेक, समृद्धि और निर्णयों की स्पष्टता आती है। इसीलिए इस बुधवार को श्री मंदिर द्वारा उत्तराखंड के डोडीताल मंदिर में एक विशेष ऋणनाशक गणेश अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस स्थान को भगवान गणेश की वास्तविक जन्मभूमि माना गया है, इसलिए यहां किया गया हर अनुष्ठान कई गुना प्रभावशाली होता है।
अनुष्ठान में शामिल होंगे —
🔸 ऋणनाशक गणेश स्तोत्र पाठ – आर्थिक बोझ कम करने और समृद्धि की पुनर्स्थापना के लिए।
🔸 1008 दूर्वा अर्चना – गणेश नामों का जाप करते हुए दूर्वा पत्तियाँ अर्पित करना, जिससे शीघ्र कृपा प्राप्त होती है।
🔸 108 मोदक अर्पण – गणेश जी की प्रिय भोग सामग्री समर्पित कर उनके आशीर्वाद को आमंत्रित करना।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और ऋण मुक्ति, मानसिक शांति और सकारात्मक वित्तीय ऊर्जा की ओर एक आध्यात्मिक कदम बढ़ाएँ।